मध्यप्रदेश का ये प्रसिद्ध देवी मंदिर है खास, दीवार पर उल्टा स्वास्तिक बनाने से पूर्ण होती है ये मनोकाना

देशभर में 26 सितंबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होने जा रही है। नवरात्रि पर्व को लेकर एक और जहां युवतियां गरबें की तैयारियों में लगी है। दूसरी ओर माता के पंडालों को भी सजाया जा रहा है। ऐसे में कई विश्व प्रसिद्ध माता मंदिर हैं जिनको सजाया जा रहा है। नवरात्रि के मौके पर यहां पर आस्था का सैलाब देखने को मिलता है। इसी बीच बात अगर मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी और देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर की बिजासन माता मंदिर की करें तो यहां पर 9 दिन तक भक्तों का जन सैलाब देखने को मिलता है।

google news

इस मंदिर में लगता है 9 दिनों तक मेला

इंदौर के एयरपोर्ट स्थित बिजासन माता मंदिर अपने आप में विश्व प्रसिद्ध है। इस मंदिर में नवरात्रि के पर्व पर मेला लगता है और बड़ी संख्या में यहां पर भक्त अपनी मनोकामना लेकर पहुंचते हैं। बिजासन माता मंदिर समिति के प्रबंधक श्रीकांत पाठक ने कहा कि 9 दिन यहां पर मेला लगाया जाता है। मंदिर की साज-सज्जा शुरू हो चुकी है। पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है। मंदिर पहाड़ी पर स्थित होने की वजह से वाहनों का ऊपर जाना प्रतिबंधित रहेगा। एयरपोर्ट गेट से दिलीप नगर तक लाइटिंग के लिए हैलोजन लगाए जा रहे। वहीं दिलीप नगर चौराहे व मुख्य मंदिर के सामने कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। इसके अलावा 3 बेरिकेट से दर्शन की व्यवस्था रखी गई है। दर्शन के बाद भक्तों को मंदिर से पीछे से गार्डन की तरह बाहर निकाला जाएगा।

भक्तों के लिए रहेगी निशुल्क प्रसादी की व्यवस्था

इस मंदिर में मां शक्ति सेवा मंडल के द्वारा निशुल्क आरो पानी की व्यवस्था के अलावा सुबह चाय नाश्ता, दोपहर में छाछ, पूड़ी सब्जी, फलियारी की प्रसादी 9 दिनों तक भक्तों को बांटी जाती है। सिढ़ियों से आने वाले श्रद्धालुओं को भीड़ कम होने पर टीन सेट के पास से लाइन बनवाई जाएगी। वहीं स्वास्थ्य विभाग का मेडिकल कैंप भी यहां पर लगाया जाएगा।

उल्टा स्वस्तिक बनाने से मनोकामना होती है पूर्ण

बिजासन माता मंदिर की मान्यता है कि यहां पर वक्त उल्टा स्वस्तिक बनाकर जाते हैं और मनोकामना पूरी होने पर सीधा स्वस्तिक बनाने आते हैं। यह परंपरा बिजासन मंदिर में कई सालों से चली आ रही है। मां के आशीर्वाद से निसंतान भक्तों की गोदी भर जाती है। बिजासन माता को शहर की कुलदेवी के रूप में पूजा जाता है। मंदिर परिसर में मां बिजासन के साथ भैरव बाबा, हनुमान जी समेत अन्य देवी-देवताओं की भी आराधना की जाती है।

google news

स्वास्थ्य टीम के साथ पुलिस प्रशासन संभाली व्यवस्था

मंदिर के पुजारी सतीश गोस्वामी ने कहा कि उनके परिवार की 15 पीढ़ियां बीत गई है जो कि माता की सेवा में लगी है। माता रोज तीन बार अपना स्वरूप बदलती है। माता को पुत्र दाहिनी माना जाता है। भक्तों संतान की कामना के लिए यहां पर आते हैं और चावल व नारियल से गोद भराई कराई जाती है। मनोकामना पूरी होने पर माता के दरबार में संतान को लेकर भी पहुंचते हैं। इस मंदिर में तैयारी हो चुकी है और भक्तों के आने जाने की व्यवस्था के साथ ही किसी भी तरह की परेशानी ना हो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम के अलावा पुलिस प्रशासन भी सुरक्षा में चाक-चौबंद रहेगा।