केंद्रीय मंत्री गड़करी ने टोल टैक्स को लेकर की बड़ी घोषणा, वाहन चालकों को दी ये राहत, बताया कब भरना होगा टोल?

देश के केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के द्वारा 2014 से केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को संभाल रहे। इसके बाद इन्होंने देश में सड़कों का जाल बिछाना शुरू कर दिया है। देखा जाए तो उनके कार्यकाल में कई बेहतरीन सड़कों का निर्माण किया गया है। आगामी समय में भी कई सड़कें बनाई जा रही है। अगर पिछले करीब 8 सालों की बात करें तो सबसे ज्यादा किसी मंत्रालय की तारीफ होती है तो वहां देश का केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय है।जिनकी जिम्मेदारी नितिन गडकरी बखूबी संभाल रहे। और लगातार देश में अच्छी सड़कों का निर्माण करते जा रहे हैं।

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टोल नाके को लेकर केंद्रीय मंत्री का बयान

मंगलवार को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने जहां एक और टोल टैक्स के पास रहने वाले लोगों के लिए बड़ा ऐलान किया है तो वहीं बुधवार को एक और बड़ी घोषणा उन्होंने की है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को संसद में एक बड़ा बयान दिया जो काफी चर्चा में रहा है। नितिन गडकरी का कहना है कि 60 किलोमीटर से पहले कोई भी टोल टैक्स नहीं वसूला जाएगा। वहीं अगर इसके बीच में कोई टोल नाका है तो उसे जल्दी खत्म कर दिया जाएगा।

नितिन गडकरी के इस बयान के बाद काफी सवाल खड़े हो रहे हैं तो वहीं कई लोग नितिन गडकरी के इस बयान का स्वागत भी कर रहे है।
अभी तक देखा है कि रोड टैक्स देने के बाद भी टोल टैक्स क्यों देना पड़ता है। तो आपकी जानकारी के लिए बता दें की टोल टैक्स ऑन रोड टैक्स में अंतर है, सुरंगो, सड़कों से गुजरने वाले वाहन चालको को टोल शुल्क देना पड़ती है। इसे इनडायरेक्ट टैक्स कहते हैं। वहीं जो आरटीओ वाहन मालिकों से वसूल करते हैं।

इन वाहन चालकों से लेते है टोल टैक्स

बता दें की सड़कों पर टोल टैक्स वसूलने के लिए टोल प्लाजा बनाया जाता है। अगर सड़क पर दो टोल प्लाजा है तो उसके बीच में 60 किलोमीटर की दूरी होना चाहिए। दोपहिया वाहनों से कभी भी टोल टैक्स नहीं लिया जाता है चार पहिया और उससे बड़े वाहनों से टोल वसूला जाता है।

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आखिर क्यों लिया जाता है टोल टैक्स

कई लोगों के मन में सवाल यह भी उठता है कि आखिर रोड टैक्स लेने के बाद भी टोल टैक्स क्यों लिया जाता है। बता दें कि जब देश में सड़कों का निर्माण होता है या कोई नेशनल हाईवे या एक्सप्रेसवे बनाए जाते हैं तो अरबों खरबों रुपए का खर्च आता है। अब इनके खर्च को सरकार इन वाहन चालकों से वसूल करती है। इसके साथ ही सड़कों का मेंटेनेंस का काम किया भी जाता है ।कई बार सड़कें खराब हो जाती है तो इसमें रिकवरी करने में भी कई गुना पैसा लगता है जो पैसा टोल टैक्स के द्वारा वाहन चालकों से लिया जाता है उसका 40% टैक्स मेंटेनेंस के इस्तेमाल में चला जाता है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि टोल टैक्स अब 60 किलोमीटर की दूरी के बाद लिया जाएगा। अगर 60 किलोमीटर से पहले एक और टोल टैक्स है तो उसे हटाने की तैयारी सरकार के द्वारा कर दी गई है। यानी कि अब दो टोल टैक्स के बीच की दूरी करीब 60 किलोमीटर की होगी।

इन लोगों के लिए बनेंगे खास तरह के पास

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मंगलवार को नितिन गडकरी ने लोकसभा में एक बड़ी घोषणा की ।उन्होंने कहा था कि 60 किलोमीटर के अंदर जितने भी टोल प्लाजा है उन्हें 3 महीने के अंदर खत्म कर दिया जाएगा। वहीं इसके साथ ही उन्होंने टोल प्लाजा के पास रहने वाले क्षेत्रीय लोगों के लिए भी बड़ी घोषणा की है। इन लोगों को राहत देते हुए नितिन गडकरी ने आधार कार्ड आधारित एक पास बनाए जाने की बात कही है।