मध्यप्रदेश के उज्जैन विश्वविद्यालय की अनूठी पहल, पेड़ों पर लगे QR कोड देंगे ये जानकारी, इन विद्यार्थियों को मिलेगा लाभ

आजादी के 75 साल के बाद देश हर क्षेत्र में डिजिटल इंडिया की ओर बढ़ रहा है जिसके कई उदाहरण हम देश में देख सकते हैं जिसका ताजा उदाहरण हमे उज्जैन में देखने को मिला जहां विक्रम विश्वविद्यालय की वनस्पति विज्ञान अध्ययन शाला में पेड़ों पर क्यूआर कोड लगाए गए हैं। जिन्हें स्कैन करने पर आपको पेड़ों से जुड़ी जानकारियां देखने को मिलेगी, जैसे प्रयोग को करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति ने मीडिया से बात की।

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एग्रीकल्चर के विद्यार्थियों को होगा बहुत लाभ

उज्जैन की विक्रम विश्वविद्यालय की वनस्पति विज्ञान अध्ययन शाला में पेड़ों पर क्यूआर कोड लगाने का कार्य सोमवार से शुरू किया है जो बॉटनी के स्टूडेंट्स की सुविधा और जन जागरूकता के लिए परिसर में स्थित पेड़ों पर क्यूआर कोड लगाया गए है, इन कोड को स्कैन करने से पेड़ों की जानकारी सामने होगी। पेड़ की उपयोगिता,उसमें लगने वाले फल, उसकी लकड़ी की खासियत समेत कहां पाया जाता है, जैसी जानकारी मिल सकेगी। क्यूआर कोड को स्कैन करते ही विद्यार्थियों को वृक्ष से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध हो जाएगी। इसमें वृक्ष का वानस्पतिक नाम, वृक्ष का स्थानीय नाम और उसके औषधीय गुणों के बारे में जानकारी शामिल हैं। इससे वनस्पति एवं एग्रीकल्चर के क्षेत्र के विद्यार्थियों को बहुत लाभ होगा।

विश्वविद्यालय के बॉटनी विभाग की अच्छी पहल

विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने बताया कि पेड़ों पर क्यूआर कोड लगाना अच्छी पहल है। इससे लोगों में पर्यावरण और वनस्पति संपदा के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। लोगों में वृक्षों को जानने की उत्सुकता के साथ उनकी जिज्ञासा का समाधान होगा। विद्यार्थी और शोधार्थी के साथ आम लोग भी इसकी जानकारी ले सकेंगे।

विश्वविद्यालय के विशाल परिसर में हजारों पेड़ पौधे हैं। परिसर में सुबह बड़ी संख्या में लोग घूमने आते हैं। उन्हें पता नहीं होता कि कौन सा पेड़ क्या काम आता है। कुलपति के अनुसार जल्द ही सभी पेड़ों पर इस तरह के क्यूआर कोड लगाने की योजना है, जिससे आम लोगों को जानकारी मिल सकेगी।

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