भारतीय रेलवे की 2 ट्रेनें 160 KM की स्‍पीड से टकराई, एक ट्रेन में सवार थे रेल मंत्री, ऐसे हुआ ये सफल परीक्षण

भारतीय रेलवे यात्रियों की सुरक्षा के लिए हर समय सुविधाओं में कई तरह के बदलाव कर रहा है। शुक्रवार 4 मार्च का दिन भारतीय रेलवे के लिए काफी अहम रहा है। भारतीय रेलवे ने इतिहास रचा है और यात्रियों की सुरक्षा के लिए ऐसा कदम उठाया है जो आप सोच भी नहीं सकते है। शुक्रवार को भारतीय रेलवे ने दो ट्रेनों की 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से टक्कर करवाई, लेकिन टक्कर होने से पहले ही दोनों ट्रेनों में ब्रेक लग गया, लेकिन आपको पढ़कर और सुनकर यह सवाल उठ रहा होगा कि आखिर इतनी जोरदार स्पीड में टक्कर क्यों करवाई जा रही है। बता दें कि एक ट्रेन में खुद केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव सवार थे, वहीं दूसरी ट्रेन में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन समेत अन्य अधिकारी बैठे थे। इस दौरान रेलवे की देशी तकनीक ‘कवच’ की टेस्टिंग कराई गई जो सफल रही है।

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देशी तकनीक ‘कवच’ की टेस्टिंग कराई

दरअसल भारतीय रेलवे ने रेलवे यात्रियों की सुरक्षा के लिए कई तरह के कदम उठा रहा हैं। शुक्रवार को भारतीय रेलवे ने देशी तकनीक ‘कवच’ की टेस्टिंग का सफल परीक्षण किया है। यह परीक्षण सिकंदराबाद में किया गया था। इसमें दो ट्रेनें 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आ रही थी जिसमें एक ट्रेन में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव तो दूसरी में रेल बोर्ड के चेयरमैन और कुछ अधिकारी मौजूद थे। इसमें ट्रेनें पूरी रफ्तार के साथ विपरीत दिशा से एक दूसरे की ओर बढ़ी, लेकिन कवच के कारण दोनों ट्रेन टकराने से रुक गई है।

रेलवे अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव शुक्रवार को सनत नगर शंकर पल्ली मार्ग पर सिस्टम के परीक्षण का हिस्सा बनने के लिए सिकंदराबाद पहुंचे। इस दौरान उन्होंने ट्रेन सुरक्षा टेक्नोलॉजी कवच का सफल परीक्षण करवाया है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कई साल की रिसर्च के बाद टेक्नोलॉजी डेवलेप की है। भारतीय रेलवे द्वारा सेट किए गए इस कवच टेक्नोलॉजी को दुनिया की सबसे सस्ती स्वचालित सुरक्षा प्रणाली माना जा रहा है । यहां टेक्नोलॉजी 0 एक्सीडेंट के लक्ष्य को प्राप्त करने में रेलवे की मदद करेगी। वहीं रेलवे अधिकारियों ने कहा की यह सिंगल को पार करते ही ट्रेन अचानक रुक जाएगी और 5 किलोमीटर के दायरे में सभी ट्रेन बंद हो जाएगी। इसके अलावा पीछे से आने वाली ट्रेन को भी कवच बचा लेगा। बहरहाल इससे आने वाले समय में हो रहे रेलवे हादसे रोकने में काफी कारगर साबित होगा।

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