गेहूं भाव ने तोड़ा 54 साल का ऐतिहासिक रिकॉर्ड, एमपी की इस मंडी में बिक रहा साढ़े 5 हजार रुपये प्रति क्विंटल

मध्यप्रदेश में किसानों की गेहूं की खरीदी मंडियों में शुरू हो गई है। इस बार किसानों के गेहूं महंगे दाम पर खरीदे जा रहे हैं। वहीं सरकार ने भी समर्थन मूल्य में गेहूं खरीदी में बढ़ोतरी कर दी है। जिससे किसानों में उत्साह देखा जा रहा है। इसी बीच मध्यप्रदेश के सीहोर जिले की आष्टा कृषि उपज मंडी में गेहूं ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है। 54 साल बाद इस मंडी में शरबती गेहूं की कीमत ने इतिहास बना दिया है। बताया जा रहा है कि एक किसान अपनी गेहूं की फसल को लेकर मंडी में पहुंचा तो उसका व्यापारियों ने शरबती गेहूं 5 हजार 675 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदा इसके बाद किसान काफी उत्साह में नजर आ रहा है।

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उपज मंडी में गेहूं ने तोड़ा 54 साल का रिकॉर्ड

दरअसल मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार के द्वारा किसानों की गेहूं की फसल समर्थन मूल्य पर खरीदी जाएगी। इसको लेकर किसानों को गेहूं बेचने के लिए स्लॉट बुक कराना होगा। इसके बाद ही किसानों की फसलें खरीदी जाएगी, लेकिन सीहोर जिले के आष्टा मंडी में शरबती गेहूं ने 54 साल के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। दरअसल किसान देवकरण सिंह कृषि उपज मंडी में अपना शरबती गेहूं लेकर पहुंचा तो उसे व्यापारियों ने 5 हजार 675 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदा है। बताया जा रहा है कि किसान इछावर तहसील के देवरिया का रहने वाला है। वहां जब गुरुवार को अपना गेहूं लेकर पहुंचा तो शरबती गेहूं की क्वालिटी अच्छी होने की वजह से व्यापारियों ने उत्साह के साथ खरीदा है। किसान की माने तो शरबती गेहूं का बीज उन्होंने श्रीनाथ ट्रेडर्स खरीदा था।

968 में हुई थी मंडी की स्थापना

वहीं इस मामले में आष्टा मंडी के सचिव राजेश साकेत की मुताबिक मंडी की स्थापना 1968 में हुई थी, लेकिन तब से इतने उछाल में कभी भी शरबती गेहूं नहीं दिखा यह 54 साल के इतिहास में पहली बार हुआ है कि जब इस मंडी में शरबती गेहूं 5 हजार 675 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बिका है। हालांकि यह बात जरूर है की पहले भी 5000 के करीब शरबती गेहूं बिका है, लेकिन उससे ऊपर में कभी भी गेहूं मंडी में नहीं खरीदा गया है। ऐसे में किसान देवकरण सिंह में काफी उत्साह नजर आ रहा है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि होली से पहले 5 दिन का अवकाश चल रहा था। मंडी में बुधवार से उपज खरीदी का कार्य शुरू हो गया है। इसके बाद गेहूं की मंडी में आवक भी अच्छी हो रही है। वहीं माना जा रहा है कि आगामी दिनों में 30000 कुंटल से भी अधिक पार जा सकती है। बता दें कि आष्टा मंडी में शाजापुर की ओर देवास के किसान फसल बेचने के लिए पहुंचते हैं। वहीं रवि और खरीफ के सीजन के अलावा आम दिनों में भी यहां अच्छी आवक देखने को मिल रही है।

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सबसे ज्यादा होता है शरबती गेहूं

सीहोर जिले की बात करें तो यहां शरबती गेहूं 4390 हेक्टेयर क्षेत्र में बोया गया है। वहीं वार्षिक उत्पादन करीब 109053 एमटन हुआ है। वहीं इस जिले में शरबती गेहूं की गुणवत्ता काफी अच्छी पाई जाती है। यहां गेहूं भूरे रंग के चलते दा गोल्डन गन भी कहा जाता है ।इसका स्वाद भी मीठा होता है। वहीं जब इस गेहूं की चपाती बनाई जाती है तो वहां भी मीठी होती है। यानी कि गेहूं का टेस्ट मीठा पाया जाता है।

धड़ल्ले से हो रही फसलों की कटाई

अगर सीहोर जिले की बात करें तो यहां गेहूं की फसल की कटाई का कार्य तेजी से किया जा रहा है। यहां पर थ्रेसर मशीन और हार्वेस्टर की मदद से लोग अपने गेहूं कटवा रहे हैं। वहीं अभी तक फसल की कटाई 50% तक हो चुकी है। कृषि विशेषज्ञों की मानें तो अप्रैल माह के पहले सप्ताह तक रवि की फसल की कटाई और ट्रेसिंग काम शत-प्रतिशत पूरा हो जाएगा।