बिजली के तार टूटने की झंझट से मिलेगा छुटकारा, अब बिना तार के घर-घर पहुंचेगी बिजली, जानें कंपनी का प्लान

देश में बिजली सप्लाई तारों के द्वारा की जाती है ।कई बार देखा जाता है बारिश के मौसम में पोल धराशाई हो जाते हैं जिससे घर की बिजली गुल हो जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में बारिश के मौसम में समस्या अधिकतर देखने को मिलती है, जहां बिजली के पोल ठीक करने में 2 से 3 दिन लग जाते हैं। ऐसे में अगर बिजली के खंभों को ही हटा दिया जाए तो क्या कहेंगे। जी हां सही सुना अगर बिजली के खंभों को हटाकर भी आपके घर में बिजली मिले तो इससे बड़ी उपलब्धि कोई हो ही नहीं सकती है। ऐसा ही अमेरिका ने कर दिखाया है जिसका सैकड़ों साल पुराना सपना था जो अब साकार हुआ है। अमेरिका ने बिना तारों के लोगों के घरों में बिजली पहुंचाने का परीक्षण कर लिया है जोकि सफलतापूर्वक हो गया है।

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अमेरिका ने सैंकड़ों साल का सपना किया पूरा

कल्पना कीजिए कि जब आप रात के समय घर में सो रहे होते हैं और जब सुबह आपकी आंख खुलती है, लेकिन आपके घर के सामने जो बिजली का खंबा खड़ा रहता है वहां गायब मिले तो आप घबरा जाएंगे। और अपने घर की बिजली चेक करने लगेंगे, लेकिन खंबा गायक रहता है लेकिन आपके घर की बिजली चालू रहती है। ऐसे में आपको कुछ सपना सा लगेगा, लेकिन इसी सपने को साकार अब अमेरिका ने किया है। जिन्होंने बिना खंबे के लोगों के घर बिजली पहुंचाने का सपना साकार कर दिया है।

दरअसल अमेरिका की यूएस लेवल रिसर्च लैबोरेट्री ने बिना खंबे के लोगों के घरों तक बिजली पहुंचाने का सफल परीक्षण किया है। सैकड़ों सालों से अमेरिका इस सपने को साकार करने का इंतजार कर रहा था। आखिरकार इस का सफल परीक्षण हो गया है। यूएस नेवल रिसाव एबिलिटी ने खाली फील्ड के अंदर माइक्रोवेव भीम के इस्तेमाल से 1 किमी से अधिक 1.6 किलो वाट बिजली की आपूर्ति की है इसको वैज्ञानिक ने काफी सरल भी बताया है।

1990 में इसकी की थी कल्पना

वैज्ञानिक ने जानकारी में बताया कि इस बिजली को माइक्रोवेव में परिवर्तित किया जाता है इसके बाद रेक्टेन्ना तत्वों से बने रिसीवर पर एक भीम में केंद्रित करते हैं। यह एक सरल पद्धति है जिसमें 1rf डायोड के साथ एक एक्स बैंड एंटीना होता है। जिसके माध्यम से बिजली की सप्लाई की जाती है 1990 में इसकी कल्पना निकोल टेस्ट लाने की थी। ऐसे में माइक्रोवेव के रेक्टेन्ना से टकराने पर तत्व करंट उत्पन्न होता है ।इसको लेकर दुनिया के कई देशों ने प्रयास किया लेकिन हमेशा असफलता ही मिली है। वहीं टेस्ला कॉइल नाम के एक ट्रांसफॉर्मर सर्किट पर भी काम किया जिससे बिजली पैदा होती थी, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल पाई थी ऐसे में अब अमेरिका के इन वैज्ञानिकों ने इस सपने को साकार कर दिखाया है।

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