एंबुलेंस के कर्मचारी ने कर दिखाया ये चमत्कार, मृत पैदा हुए बच्चे की ऐसे वापस लौटाई सांसें, देखें तस्वीरें

अगर खुद में दूसरों से लड़ने का साहस और किसी को बचाने का दम हो तो फिर इंसान को मौत के मुंह से भी खींच कर ले आते हैं। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के केकरा खोली गांव में महतारी एक्सप्रेस के कर्मचारी ने ऐसा ही कुछ किया है। इन्होंने ना सिर्फ मानवता की मिसाल पेश की है बल्कि एक ऐसा चमत्कार किया है जिसकी चारों और प्रशंसा हो रही है। दरअसल इस गांव में एक महिला को प्रसव पीड़ा हुई परिजनों ने गांव से एक दाई को बुलाया उन्होंने बच्चे की डिलीवरी तो करवा दी लेकिन वह 5 मिनट तक ना तो रोया और ना ही कोई हलचल हुई।

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ऐसे में परिजन घबरा गए और बच्चे को मृत समझने लगे। इसी बीच भगवान के रूप में महतारी एक्सप्रेस के कर्मचारी पहुंचा और उसने कुछ ही देर में ऐसा किया कि बच्चे की सांस लौट आई यह किसी चमत्कार से कम नहीं हुआ है।

मां के पेट से मृत पैदा हुई बच्ची

दरअसल पूरा मामला छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के केकरा खोली गांव का है, यहां पर एक महिला को प्रसव पीड़ा हुई तो परिजनों ने गांव में ही रहने वाली एक दाई को बुलाया। उसने महिला की डिलीवरी तो करवा दी लेकिन बच्चे के ना तो रोने की आवाज आई और ना ही कोई हलचल हुई। परिजन बच्चे को मृत समझ बैठे थे वहीं इतनी देर में गांव में 108 एंबुलेंस भी पहुंच चुकी थी। इसमें बैठे कर्मचारी को जब इस बात की जानकारी मिली तो वह तुरंत पहुंचा और बच्चे को बचाने का प्रयास किया। इसके बाद कार्डिएक मसाज और सीपीआर के जरिए बच्चे की सांसें ले आये। इसके बाद परिजनों ने उस कर्मचारी की काफी प्रशंसा की है।

108 एंबुलेंस लेकर पहुंच गया था स्टाफ

आपकी जानकारी के लिए बता दें की केकरा खोली गांव सुदूर जंगलों के बीच बसा है। यहां पर रहने वाली कुलेश्वरी नामक महिला को पेट में प्रसव पीड़ा हुई। इसके बाद परिजनों ने गांव की मितानिन को बुलाया और डिलीवरी करवाई। इस दौरान मौके पर 108 एंबुलेंस के स्टाफ भी पहुंच चुके थे और जच्चा बच्चा दोनों को लेकर धमतरी के जिला अस्पताल रवाना हो गए, लेकिन बच्चे की हालत को देखते हुए एंबुलेंस के कर्मचारी पीएमटी सरजू राम साहू इसे देख नहीं पाए और अपनी महत्वपूर्ण भूमिका और ट्रेनिंग के बल पर बच्ची की सांसें वापस वापस ले आए ।

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पीएमटी सरजू राम साहू ने ऐसे बचाई जान

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरजू राम साहू अपने बच्चे के मुंह में सास दी और उसके नाक में भरे पानी को बाहर निकाला। जिससे उसके साथ नदी खुल गई और उसकी सांसे वापस लौट आई। कुछ देर बाद उसकी धड़कन शुरू हो गई उसके बाद परिजन काफी खुश हुए और कर्मचारी को धन्यवाद भी दिया । बता दें कि कोई भी कर्मचारी को जब एंबुलेंस में रखा जाता है तो पहले उसे प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि इमरजेंसी में वहां अपने ट्रेनिंग का इस्तेमाल कर सके और किसी मरीज की जान बचा सके।