12वीं के छात्र को 3 साल बाद कोर्ट से मिली जीत, 1 नंबर बढ़ाने को लेकर बोर्ड के खिलाफ लड़ी लड़ाई, अब मिले इतने अंक

माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड के द्वारा आयोजित 10वीं 12वीं की परीक्षा का रिजल्ट 29 अप्रैल को ही जारी हो गया है। इसमें भी कई रिजल्ट में गड़बड़ियां सामने आती रही है। इसी बीच कई छात्रों के द्वारा अप्लाई करने के बाद बोर्ड करेक्शन कर देता है, लेकिन कई छात्र ऐसे होते हैं जो बोर्ड ऑफिस के चक्कर काट काट कर परेशान हो जाते हैं। इसी बीच मध्य प्रदेश के सागर जिले से हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है, जहां एक छात्र 12वीं की मार्कशीट में एक नंबर बढ़ाने को लेकर बोर्ड को कोर्ट तक घसीट ले गया। याचिका दायर करते हुए 3 साल तक लंबी लड़ाई लड़ता रहा और आखिरकार फैसला कोर्ट ने छात्र के हक में सुनाया है।

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एक नंबर के लिए किया इतना संघर्ष

दरअसल सागर जिले के कबीर मंदिर के परकोटा का रहने वाला शांतनु हेमंत शुक्ला जो करीब हाईकोर्ट में पिछले 3 साल से अपने हक की लड़ाई लड़ रहा था। उन्होंने 2018 में एक्सीलेंस स्कूल से 12वीं की परीक्षा पास की थी। हालांकि शांतनु पास जरूर हो गया, लेकिन इसके बावजूद भी उसे संतुष्टि नहीं हुई। 12वीं की परीक्षा में उसे 74.8 प्रतिशत अंक मिले, लेकिन उसे भरोसा था कि 75% अंक आने थे। वहीं उस समय मुख्यमंत्री के मेधावी योजना चल रही थी जिसका लाभ नहीं लेने से नाराज छात्र ने रिटोटलिंग के लिए फॉर्म भर दिया, लेकिन इसके बावजूद भी नंबर नहीं पढ़े इससे परेशान छात्र ने कोर्ट का सहारा लिया था।

3 साल तक छात्र ने कोर्ट में लड़ा केस

शांतनु का कहना था कि उसने रिटोटलिंग के लिए अप्लाई किया लेकिन इसके बावजूद भी रिजल्ट में किसी भी तरह का बदलाव नहीं हुआ है। ऐसे में निराश होकर कोर्ट के दरवाजे पर पहुंचा और बोर्ड के खिलाफ याचिका दायर कर दी। इसके बाद माध्यमिक शिक्षा मंडल ने दोबारा मूल्यांकन के आदेश दे दिया है। करीब 3 साल तक चले इस केस में 44 पेज की पेशियां हुई। इसके बाद लड़ाई लड़ते गया और आखिर 3 साल बाद कोर्ट ने उसके हक में फैसला सुनाया है।

इसमें बोर्ड की तरफ से दोबारा काफी चेकिंग के बाद 1,2 नंबर नहीं, बल्कि 28 नंबर मिले हैं। हालांकि शांतनु के इस दौरान 15000 खर्च हो गए थे। इसके बाद छात्र को 80% से ज्यादा मार्क्स मिले हैं पर अपने हक की लड़ाई के लिए लड़ने के बाद उसकी जीत भी हुई है इसके बाद वहां काफी खुश है।

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