मध्यप्रदेश में प्रेम विवाह का अजब-गजब मामला, 82 साल के इस रिटायर्ड अधिकारी ने 36 साल की विधवा महिला से रचाई शादी, मांगा ये वचन
कहते हैं प्यार करने वालों की उम्र बीत जाती है लेकिन प्यार बुढ़ापे में भी जवान रहता है। इसी बीच अब मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले से दो प्रेमियों का अजब गजब वाकया सामने आया, जहां पीडब्ल्यूडी विभाग के रिटायर अधिकारी ने 36 साल की विधवा महिला से शादी रचा ली है। दरअसल 82 साल के बुजुर्ग व्यक्ति ने एक 36 साल की विधवा महिला से एसडीएम कोर्ट में शादी की है। बताया जा रहा है कि महिला अपने पति की मौत के बाद 6 साल की बच्ची के साथ अकेली रह रही थी, लेकिन इसके बाद अब बुजुर्ग ने उनका हाथ थामा है और सात जन्मों का साथ मांगा है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 1999 में पीडब्ल्यूडी विभाग से सेवानिवृत्त हुए एसपी जोशी ने शास्त्री नगर में रहने वाली 36 साल की विधवा महिला विभा जोशी से शादी रचाई। यह महिला पैसे से ग्रहणी और पति की मौत के बाद 6 साल की बच्ची के साथ अकेली घर में रहती थी। वहीं एसपी जोशी उज्जैन के बल्लभ नगर में रहते हैं और पीडब्ल्यूडी विभाग के सेक्शन में हेड के पद पर पदस्थ थे। सेवानिवृत्त के बाद उनकी पत्नी और बच्चे नहीं होने से वहां भी अकेले रह रहे थे। ऐसे में उन्होंने अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए 36 साल की विधवा महिला से शादी रचाई है और सात जन्मों का वचन लेकर साथ जीने का फैसला किया है।
दोनों की सहमति से हुई शादी
82 साल के रिटायर्ड अधिकारी एसपी जोशी और 36 साल की विधवा महिला विभा जोशी की शादी की खबर जैसे ही लोगों को लगी तो एसडीएम कोर्ट परिसर में भीड़ जमा हो गई। इस अनोखी शादी को देखने के लिए कई लोग वहां पर फोटो लेने लगे और इस नजारे को अपने कैमरे में कैद करने लग गए। वही भीड़ और मीडिया को देखकर वह दोनों कपल्स नाराज हो गए और बुजुर्ग ने कहा कि यह कोई मनोरंजन का साधन ना समझे हमने आपसी सहमति से आवेदन देकर शादी रचाई है वहीं हम दोनों अकेले है और हमने एक दूसरे का सहारा बनने का फैसला लिया है।
7 फेरे लेकर साथ जीने का किया फैसला
वहीं इस मामले को लेकर पीडब्ल्यूडी के रिटायर अधिकारी एसपी जोशी ने कहा कि दुनिया में उनका कोई नहीं है ना उनकी पत्नी है ना ही बच्चे है। रिटायरमेंट के बाद वहां अकेले रह रहे थे और इसी अकेलेपन को दूर करने के लिए उन्होंने शादी करने का फैसला किया है। एसपी जोशी को रिटायरमेंट के बाद हर महीने 28000 पेंशन मिलती है। वहीं विवाह जोशी भी विधवा होने के कारण बेसहारा है। ऐसे में उन दोनों ने शादी करने का फैसला किया और अग्नि के सात फेरे लेकर सात जन्म तक साथ देने के साथ ही एक दूसरे का सहारा बनने का फैसला किया है।