मध्यप्रदेश के इंदौर की सपना ने 40 की उम्र में रचा इतिहास, 40 घंटे लगातार साइकिल चलाकर बनाया ये रिकॉर्ड
अगर इंसान में किसी काम को करने के लिए काबिलियत और हौंसले बुलंद हो तो वहां दुनिया जीत सकता है। बीते दिनों जहां मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के रजत नाहर ने ट्रैकिंग और क्लाइंबिंग के लिए सबसे बड़ी चुनौती पूर्ण पहाड़ों में शामिल हिमालयन पीक चौरिखांग पर तिरंगा फहराया था। इसी बीच अब 40 वर्षीय सपना ने लगातार 39 घंटे साइकिल चलाकर इतिहास रच दिया है। उन्होंने बिना रुके 600 किलोमीटर का सफर पूरा कर रिकॉर्ड बना दिया है। दरअसल साइकिलिंग को लेकर इस समय महिलाओं में काफी जुनून देखा जा रहा है ।आज से 5-7 साल पहले कुछ महिला ही साइकिलिंग कर पा रही थी लेकिन अब 40-45 घंटे लगातार साइकिल महिलाएं चला रही है।
39 घंटे में सपना ने बनाया ये रिकॉर्ड
इंदौर की रहने वाली सपना खत्री जिनकी उम्र 40 वर्ष है और वहां 2018 से साइकिलिंग कर रही है। इस समय वहां पुलिस हॉस्पिटल में पदस्थ है। उन्होंने साइकिल चलाना शुरू किया पहले वहां शहर में साइकिलिंग करती थी, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने लंबी साइकिलिंग शुरू की जिसके बाद अब उन्होंने 39 घंटे में 600 किलोमीटर बीआरएम की है। सपना ने जानकारी देते बताया की इंदौर से रतलाम, रतलाम से इंदौर, इंदौर से सीहोर, सीहोर से इंदौर की दूरी पूरी की है। उन्होंने 39 घंटे में 600 किलोमीटर का यह सफर पूरा कर रिकॉर्ड बनाया है।
ऐसे पूरा किया सपना ने ये सफर
सपना का कहना है कि उन्होंने 406 किलोमीटर का सफर 27 घंटे में पूरा किया। 60 किमी दूर तक ब्रेक नहीं लिया। फिर उन्होंने 20-20 किमी पर ब्रेक लिए इसके साथ ही वहां खाने में हैवी खाना ना खाते हुए दाल चावल से गुजारा करती थी। इसके साथ ही हर 5 किलोमीटर में थोड़ा पानी पीकर फिर 20 किलोमीटर में 1 लीटर पानी पिया करती थी। इस तरह उन्होंने 600 किलोमीटर के सफर को पूरा किया है।
वहीं उनका कहना है कि वहां रात 11 से 300 किलोमीटर का सफर तय कर पावागढ़ में रुकी। अगले दिन सुबह 7:00 बजे उन्होंने फिर सफर शुरू किया और शाम 5:00 बजे तक पूरा कर गुजरात के केवरिया स्थित स्टेचू ऑफ यूनिटी पहुंच गई। सपना ने बताया कि उन्होंने खाने के लिए साथ में चिक्की, नारियल पानी, ड्राई फुट और 10 लीटर पानी के साथ एक्स्ट्रा शूज और पंचर बनाने का सामान रखा था। वहीं अब सपना को बॉडी ऑफ ऑडेक्स इंडिया रेन्डोनियर्स द्वारा सुपर रेंडोनियर टाइटल अब सपना खत्री को मिल चुका है। दरअसल यह टाइटल एक व्यक्ति को तब मिलता है जब वहां 200, 300, 400, 600 किलोमीटर का सफर तय कर लेता है।
सपना को साइकिंलिंग से मिला ये फायदा
सपना ने बताया कि उन्होंने 600 किलोमीटर का सफर 12 मार्च को पूरा किया था, लेकिन इसके बाद शहर में लॉकडाउन लग गया था जिसकी वजह से उनकी साइकिलिंग रुक गई थी। वहीं उनका कहना है कि यह साइकिलिंग करने से उनकी लाइफ बदल गई है, क्योंकि जो दवाएं उनकी चल रही थी सब बंद हो गई है।