ज्ञानवापी के बाद मध्यप्रदेश के जामा मस्जिद में शिव मंदिर होने का दावा, अब इन्होंने गृहमंत्री से की सर्वे कराने की मांग

बनारस के ज्ञानवापी मस्जिद का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि अब मध्य प्रदेश की जामा मस्जिद का मामला सुर्खियों में आ गया है। दरअसल इस मामले को लेकर राजधानी भोपाल के संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा को एक आवेदन दिया है जिसमें उन्होंने जामा मस्जिद में शिव मंदिर होने का दावा किया है। उन्होंने इस आवेदन में दावा करते हुए कहा है कि शिव मंदिर को तोड़कर यहां मस्जिद का निर्माण कराया गया है।

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जामा मस्जिद में शिव मंदिर का दावा

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बीते दिनों से बनारस के ज्ञानवापी मस्जिद मामला काफी चर्चा में रहा है। इसको लेकर दो सर्वे की रिपोर्ट वाराणसी कोर्ट में सौंपी गई है। यह मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि इस बीच मध्यप्रदेश में जामा मस्जिद का मामला चर्चा में आ गया है। राजधानी भोपाल में सांस्कृतिक बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने जामा मस्जिद में शिव मंदिर होने का दावा किया है। उन्होंने गृहमंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि यहां शिव मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया गया है।

जानिए कब बनी थी जामा मस्जिद

राजधानी भोपाल के जामा मस्जिद में शिव मंदिर का दावा करने वाले सांस्कृतिक बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी यह आरोप भी लगाया है। उनका कहना है कि जिस जगह पर मस्जिद बना है उस जगह पर कभी भगवान भोलेनाथ का शिव मंदिर हुआ करता था, लेकिन इसे तोड़कर मस्जिद का निर्माण कराया गया है। उन्होंने गृहमंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए इसका सर्वे कराने की मांग की है। वहीं चंद्रशेखर तिवारी के द्वारा दिए गए ज्ञापन के बाद मध्य प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है। चंद्रशेखर तिवारी ने कहा इस मुद्दे को मैं कोर्ट में एक लेकर भी जाऊंगा उनका कहना है कि भोपाल की पहली महिला शासिका कुदसिया बेगम ने 1932 से 1857 ईस्वी के बीच जामा मस्जिद बनवाई थी।

कोर्ट में चंद्रशेखर ​दायर करेंगे याचिका

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राजधानी भोपाल के चौक बाजार स्थित जामा मस्जिद है जिसे 1832 से 857 ईसवी के बीच भोपाल की पहली महिला शासिका कुदसिया बेगम ने बनवाई थी। अब इस मामले को लेकर चंद्रशेखर तिवारी ने ज्ञापन सौंपते हुए इसके सर्वे की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने कुदसिया बेगम की लिखी गई बुक का हवाला भी दिया है। इसके साथ ही मस्जिद से जुड़े कुछ दस्तावेज भी इकट्ठे कर कोर्ट में याचिका दायर कर प्रस्तुत करेंगे और इस मामले की सर्वे जांच की मांग की जा रही है।

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गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को जैसे ही चंद्रशेखर तिवारी ने ज्ञापन सौंपा। इसके बाद भोपाल शहर काजी सैयद मुश्ताक अली नदवी मुफ्ती अब्दुल कलाम कासमी ने संयुक्त बयान जारी करते हुए जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि चौक बाजार स्ट्रीट जो जामा मस्जिद बनी है। वहां रियायत कालखंड की है। इसके सारे दस्तावेज जामा मस्जिद प्रबंध कमेटी के पास है। इसके लिए कमेटी के सेक्रेटरी से भी संपर्क किया जा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा की सोशल मीडिया पर कोई भी पोस्ट या मैसेज डालने से परहेज करें। बहरहाल अब देखना यह होगा कि इस मामले को लेकर किस तरह के तथ्य सामने आते हैं।