मध्यप्रदेश में पोषण आहार के बाद यूरिया घोटाला बना शिवराज सरकार के लिए सिरदर्द, जानिए किस तरह 4 घंटे में ढूंढ निकाला 3 करोड़ का यूरिया

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में पोषण आहार घोटाला को रोकने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ यूरिया घोटाला ने अब शिवराज सरकार की नींद उड़ा दी है। ऐसा ही एक मामला और सामने आया है ,जहां 3 करोड रुपए की यूरिया गायब हो गई थी, लेकिन जैसे ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने डांट लगाई तो फौरन 4 घंटे के अंदर यूरिया ढूंढ निकाली। दरअसल जबलपुर प्रशासन ने दो निजी गोदामों पर छापा मार कार्रवाई की तो वहां पर यूरिया गायब मिली। ऐसे में हल्ला मच गया तत्काल जांच टीम गठित कर दी गई टीम ने महज 4 घंटे में ही यूरिया को ढूंढ निकाला है।

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1853 टन में से 1019 टन यूरिया हो गया गायब

मध्यप्रदेश में एक तरफ राशन घोटाला के साथ ही पोषण आहार घोटाले को रोकने के लिए शिवराज सरकार लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन इसके बावजूद भी सरकार की नाक के नीचे घोटाले धड़ल्ले से किए जा रहे हैं। ऐसे में अब पोषण आहार के बाद यूरिया घोटाला का भी मामला सामने आया है। सरकार के पास अब इन दो घोटालों के कारण नींद उड़ चुकी है। यह मामला संस्कारधानी जबलपुर का है, जहां पर किसानों को बांटने के लिए 1853 टन यूरिया में से 1019 टन यूरिया गायब हो गया। ऐसे में जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आपात बैठक बुलाई और इस मामले में सीधे एफआईआर करने के निर्देश दिए तो प्रशासन हरकत में आ गया और दो निजी गोदामों पर छापा मारा तो वहां गाया हुआ सरकारी कोटे का यूरिया रखा मिला है।

सीएम की सख्ती के बाद 200 मीट्रिक टन यूरिया मिला

जबलपुर की अगर बात करें तो यहां पर 200 मीट्रिक टन गायब सरकारी कोटे का यूरिया 4 घंटे के अंदर ढूंढ निकाला। जबलपुर के पाटन रोड डिस्ट्रिक्ट डीएम के गोदाम और खजरी खिरिया के गायत्री वेयरहाउस में यह सरकारी यूरिया छुपाया गया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जैसे ही सुबह 7 बजे अपने निवास पर वरिष्ठ अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई और यूरिया गायब होने पर शक्ति और नाराजगी दिखाई तो प्रशासन भी हरकत में आ गया। जब इस गोदामों पर छापा मार कार्रवाई की तो वहीं पर तीन करोड़ का यूरिया पाया गया।जबलपुर संभाग के जिलों के लिए भेजा गया था।

4 घंटे में ढूंढ निकाला 3 करोड़ का यूरिया

बता दें कि जबलपुर में 2666 मीट्रिक टन यूरिया की रैक में से 18 53 टन यूरिया आवंटित हुआ 17 अनुपात 30 के तहत 18 53 मीट्रिक टन यूरिया डबल लॉक और सिस्टम से सरकारी एजेंसी के माध्यम से कम दाम पर किसानों को मिलना था, लेकिन प्रशासन की मिलीभगत की वजह से 1019 मीट्रिक टन यूरिया ओपन मार्केट में बेचने के लिए निजी गोदामों में पहुंचा दिया गया। इस पूरे मामले में जेल की तलवार लटकी तो हरकत में आ गए। 4 घंटे की मशक्कत के बाद तीन करोड़ का यूरिया प्रशासन को मिल गया है, जबकि 15 दिन से यूरिया गायब था ।

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