मध्यप्रदेश में खुलेंगे 7 नए विश्वविद्यालय के साथ ही कई पदों पर होगी भर्ती, जानिए शिवराज कैबिनेट के ये 5 बड़े फैसलें

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट बैठक आयोजित की गई ।इस बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई है जिसमें एक तरफ जहां आम नागरिकों को लाभ मिलेगा। वहीं छात्रों कर्मचारियों को भी इसका बड़ा लाभ मिलने जा रहा है ।दरअसल कैबिनेट बैठक में मध्य प्रदेश में 7 नए विश्वविद्यालय खोलने को मंजूरी दी गई है। सीएम शिवराज के अध्यक्षता में हुई बैठक की मार्केटिंग में इन विश्वविद्यालयों को मंजूरी प्रदान कर दी गई है।

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7 विश्वविद्यालयों को खोलने की मिली अनुमति

इस बैठक में मध्यप्रदेश में योग आयोग का गठन भी करने के लिए कैबिनेट ने मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके अलावा अन्य राजस्व वसूली के लिए ब्याज माफी के लिए समाधान योजना को स्वीकृति प्रदान की गई है। इतना ही नहीं खाद्य विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटर की भर्ती को लेकर भी मंजूरी मिली है। इसके अलावा पुराने हेलीकॉप्टर के पास को बेचने की सहमति कैबिनेट द्वारा प्रदान की गई है। बैठक के दौरान 7 विश्वविद्यालयों को खोलने की अनुमति प्रदान की गई है ।इसके अलावा निजी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2022 के जरिए इस मंजूरी को शक्ति प्रदान की गई है। इसके अलावा इंदौर में प्रेस्टीज विश्वविद्यालय के अलावा राजधानी भोपाल में टाइम्स यूनिवर्सिटी शिवपुर में प्रीति ग्लोबल यूनिवर्सिटी इंदौर में एलएनसीटी यूनिवर्सिटी देवास जिले में अमलतास यूनिवर्सिटी सीहोर में आर्यभट्ट यूनिवर्सिटी उज्जैन विक्रम विश्वविद्यालय खोले जाएंगे।

5 साल के लिए इन विभाग के मुख्य सचिव रहेंगे शामिल

इसके अलावा कई निजी विश्वविद्यालय स्थापना व संचालन संशोधन विधायक के फारुख को भी अनुमोदन दिया गया है। 13 सितंबर से प्रस्तावित मानसून सत्र में इसे प्रस्तुत करने की बात कही गई है। इसके अलावा योग की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए शिवराज सरकार ने बड़ा कदम भी उठा लिया है। योग आयोग के गठन करने का फैसला भी कर लिया है ।इसके लिए कैबिनेट से मंजूरी दी गई है इसके अलावा पतंजलि संस्कृत संस्थान के माध्यम से पांच अशासकीय सदस्य शामिल रहेंगे। वहीं उन सदस्यों का कार्यकाल 5 वर्ष करेगा जिसमें तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा, उच्च शिक्षा, स्कूल शिक्षा ,सामाजिक न्याय खेल और युवा कल्याण जनजाति कार्य विशेष वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव शासक के सदस्य के रूप शामिल रहेंगे।

इसके अलावा खनिज राजस्व वसूली के लिए ब्याज माफी देने समाधान योजना को स्वीकृति प्रदान की गई है। 600000000 के बकाए खनिज राजस्व की वसूली के लिए ब्याज माफ करने इस योजना को मंजूरी दी गई है ।वहीं खनिज राजस्व के साथ ₹2 बकाए पर ब्याज ₹150 हो गया। 1961 से 2010 तक खनिज राजस्व बकाया का आंकड़ा कौन 30 करोड़ 2800000 रुपए था जिस पर ब्याज की राशि बढ़कर 116 करोड़ 3000000 रूपए हो चुकी है।

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