मध्यप्रदेश में स्थित है ये एशिया की सबसे ऊंची गणेश प्रतिमा, श्रृंगार करने में लगता हैं 8 दिन का समय

मध्यप्रदेश में कई धार्मिक और विश्व प्रसिद्ध मंदिर हैं। ऐसे में अगर हम बात करें इंदौर के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक बड़ा गणपति मंदिर इस मंदिर में विशाल प्रतिमा स्थापित है जो कि एशिया की सबसे ऊंची प्रतिमा मानी जाती है। गणेश जी की प्रतिमा 25 फीट ऊंची है और इस मूर्ति का सिंगार करने में 8 दिन का वक्त लगता है। मूर्ति का ढांचा सोने चांदी पीतल तांबे और लोहे से बना हुआ है। 18 सो 75 में इस मंदिर का निर्माण उज्जैन निवासी दधीच ने किया था।

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सिंगार में लगते है 8 दिन का समय

बड़ा गणपति मंदिर के पुजारी पंडित प्रमोद दाधीच ने कहा कि गणेश जी का सिंगार करने में उन्हें आठ दिन का समय लगता है। 4 साल में 4 बार यहां पर चोला चढ़ाते हैं। जिसमें भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी, कार्तिक वर्दी ,चतुर्थी बागमती चतुर्थी और वैशाली चतुर्थी पर चोला और सुंदर वस्त्र सिंगार करते हैं। इसमें करीब सवा मन भी और सिंदूर का इस्तेमाल भी होता है। मूर्ति का ढांचा सोने चांदी पीतल तांबे और लोहे से बना हुआ है।

25 फीट ऊंची है गणेश प्रतिमा

अयोध्या अवंतिका काशी मथुरा और कई तीर्थ स्थलों काजल और मिट्टी को मिलाने के साथ हाथीखाना घुड़साल गौशाला की मिट्टी और रत्नों आदि का भी इसमें समावेश हुआ है। इस प्रतिमा की ऊंचाई करीब 25 फीट है जो 4 फुट ऊंचे और 14 फुट चौड़ी चौकी पर विराजित है। इसे बनाने में करीब 3 साल का समय लगा था यह प्रतिमा का मुख सोने और चांदी कान्हा तथा सूंड तांबे से और पैर लोहे के सरियों से बनाए गए हैं।

प्राण प्रतिष्ठा के 13 साल बाद तक इसके ऊपर कोई भी छत नहीं थी। गणपति खुले आकाश के नीचे विराजमान थे 1954 में स्थाई छत का निर्माण कराया गया और आज यह मंदिर विश्व प्रसिद्ध है। यहां पर हर दिन भक्तों का हुजूम देखने को मिलता है। खासकर बुधवार के दिन भगवान गणेश के मंदिर में बड़ी संख्या में शहर वासी पहुंचते हैं।

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