इंदौर एयरपोर्ट पर 100 करोड़ में बनेगा एटीसी टॉवर, एयर ट्रैफिक कंट्रोल करने में होगी आसानी
मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी के देवी अहिल्या होलकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नया एयर ट्रैफिक कंट्रोल एटीसी टावर बनाया जाएगा। एटीसी टॉवर बनाने को लेकर अगले महीने यानी मई तक मुख्यालय से टेंडर जारी कर दिया जाएगा। एटीसी टॉवर बनाने में हुई देरी के कारण अभी से ही लागत 13 करोड़ से बढ़कर 87 करोड रुपए हो गई है। यानी कि अभी से बनाने में 2 करोड रुपए का खर्च होगा। बता दें कि हर दिन देवी अहिल्या होलकर विमान तल से बड़ी संख्या में विमान संचालित होते हैं इसकी वजह से अब एक नया एटीसी टॉवर बनाया जाएगा।
इतने करोड़ में बनेगा एटीसी टावर
आपकी जानकारी के लिए बता दें इंदौर देवी अहिल्या होलकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नया एटीसी टावर बनाने को लेकर 2 साल पहले ही मंजूरी मिल गई थी लेकिन किसी कारण बस काम नहीं हो पाया था वही एटीसी टावर बनाने की लागत 87 करोड़ थी लेकिन समय ज्यादा लगने की वजह से इसकी लागत 100 करोड से अधिक हो गई है वह इस मामले में अधिकारियों ने बताया कि अगले महीने मई में एटीसी टावर बनाने को लेकर टेंडर जारी कर दिया जाएगा जिसकी लागत करीब 100 करोड़ की होगी वही अगले 3 महीने में इसका निर्माण कार्य शुरू होने के साथ ही अगले साल इस शुरू भी कर दिया जाएगा
कई सुविधा से लैस होगा नया टॉवर
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के द्वारा इंदौर के देवी अहिल्या अंतरराष्ट्रीय विमानतल पर जो एटीसी टॉवर बनाया जा रहा है। वहां दोगुना ऊंचाई का होगा। एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर 5 मंजिला है, लेकिन इसकी ऊंचाई करीब 31 मीटर ऊंचा और 10 मंजिला होगा। वर्तमान में मौजूद एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर से कई गुना ज्यादा नए उपकरण व आधुनिक सुविधाएं होंगी जो विमानों के परिचालन में काफी सहायक साबित होगी ।बताया जा रहा है कि एटीसी टावर के दूसरे छोर पर बनाया जाएगा। यह इसलिए किया जा रहा है क्योंकि अगर भविष्य में 2 रनवे भी बनाए जाएंगे तो आने जाने वाले विमानों को यहां से आसानी रहेगी।
अगले साल तक तैयार होगा नया टावर
बता दें कि एटीसी टावर में एक्सपर्ट आने और जाने वाले विमानों को हर तरह की तकनीक मदद करते हैं। इसमें मौसम विभाग का कार्यालय भी मौजूद होता है जो हवा की गति दिशा दबाव सारी जानकारी पायलट को देते हैं। पायलट जब विमान को लैंडिंग करता है तो उसे पहले एटीसी से मंजूरी लेना पड़ती है। यहां विमान संचालन का सबसे प्रमुख अंग माना जाता है ।इसे अगले साल तक तैयार कर दिया जाएगा इसके बन जाने के बाद हवाई सेवा और बेहतर हो जाएगी।