मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की बड़ी घोषणा, बेरोजगार युवाओं-छात्रों को रोजगार के लिए देंगे प्रशिक्षण, बढ़ेंगे साधन

मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार नई शिक्षा नीति के तहत कई तरह के बदलाव कर रही है। वहीं अब प्रदेश के छात्रों को तकनीकी शिक्षा से जोड़ने को लेकर भी काम किया जा रहा है। जिससे आने वाले समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीन लर्निंग और इलेक्ट्रिकल विकास के क्षेत्र में छात्रों को आगे बढ़ाया जाएगा। इसको लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृष की बैठक आयोजित की है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों को भविष्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीन लर्निंग की सुविधा प्रदान करने के साथ ही इन क्षेत्रों में प्रशिक्षण भी दिया जाएगा वहीं प्रदेश के युवा को कौशल उन्नयन की काफी आवश्यकता है।

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युवाओं के लिए बैठक में लिए ये निर्णय

दरअसल 20 अप्रैल को बैठक के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जानकारी देते हुए कहा कि आगामी समय में युवाओं को तकनीकी से जोड़ा जाएगा जिससे इलेक्ट्रिकल के क्षेत्र में युवाओं का कौशल उन्नयन आवश्यक है। वहीं ग्रामीण स्तर पर विकास व निर्माण कार्य को देखते हुए इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, सोलर पंप, इलेक्ट्रीशियन अन्य की आवश्यकता है ।ऐसे में इन युवाओं को इसका प्रशिक्षण दिया जाएगा जिससे उन्हें रोजगार भी मिलेगा और आगामी समय में मध्यप्रदेश आत्मनिर्भर बनेगा।

मुख्यमंत्री ने सेंटर फॉर रिसर्च एंड इंडस्ट्रियल स्टाफ परफॉर्मेंस के साधारण सभा की बैठक को संबोधित करते हुए यह सारी बातें कही है। बैठक के दौरान तकनीकी शिक्षा कौशल एवं विकास एवं रोजगार मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा, स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, आरजीपीवी के कुलपति सुनील गुप्ता समेत कई अधिकारी मौजूद थे। बैठक के दौरान कहा गया कि ऑफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसी टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में युवाओं को प्रशिक्षण के लिए माइक्रोसॉफ्ट के साथ टाईअप भी किया जा रहा है।

इसके तहत मध्यप्रदेश में रोजगार करने वाले युवाओं को कौशल विकास केंद्रों से 3 से 6 महीने का प्रशिक्षण निशुल्क तरीके से दिया जाएगा ।वहीं प्रतिवर्ष 4000 प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य शिवराज सरकार ने रखा है। ऐसे में आगामी समय में ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार प्रदान करने के लिए क्रिस्प संस्था के द्वारा ग्रामीण उसमें कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। जिसमें 22800 पंचायतों में चार चार युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके तहत प्रदेश भर से 91200 ग्रामीण उद्यमी तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है।

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