शिवराज सरकार की बड़ी तैयारी, छत्तीसगढ़ से आ रहे जंगली हाथियों को रोकेगा मध्यप्रदेश का ड्रोन

छत्तीसगढ़ में जंगली हाथियों ने काफी उत्पात मचाया था, लेकिन अब उन्हें वहां से खदेड़ दिया गया है। ऐसे में यह जंगली हाथी मध्यप्रदेश की ओर आ रहे हैं। वहीं छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की सीमा पर बसे ग्रामीणों और हाथियों में काफी संघर्ष की स्थिति देखने को मिली है। इनसे निपटने के लिए अब मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने एक अच्छा प्लान बनाया है। जानकारी मिली है कि अब इन हाथियों से निपटने के लिए ड्रोन की सहायता ली जाएगी। डॉन के माध्यम से इन जंगली हाथियों के मूवमेंट को मान्यता कर ग्रामीणों को समय से पहले आधा कर दिया जाएगा।

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जंगली हाथियों को रोकने में मदद करेगा ड्रोन

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि छत्तीसगढ़ में जंगली हाथियों और इंसानों के बीच कई बार संघर्ष हुए हैं। जंगल के रास्ते बसे ग्रामीण इन जंगली हाथियों से काफी परेशान है। हालांकि इन हाथियों को छत्तीसगढ़ से खदेड़ दिया गया है, लेकिन इनका कुनबा अब मध्य प्रदेश की और आ रहा है ।मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा छत्तीसगढ़ की सीमा पर बसे ग्रामीण और इन जंगली हाथियों में संघर्ष होते रहते हैं। इनसे निपटने के लिए अब शिवराज सरकार ने एक स्पेशल योजना बनाई है। वन विभाग और हाथी और ब्राह्मणों के बीच संघर्ष की स्थिति से निपटने के लिए अब इनकी सहायता ड्रोन करेगा।

हाथियों को रोकने के लिए करेंगे ये काम

दरअसल कई जगह पर एलीफेंट प्रूफ ट्रेंच एलीफेंट प्रूफ सोलर फेंसिंग की व्यवस्था की जाएगी। हाथी गलियारे के किनारे स्थित गांव में मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहित किया जाएगा। जिससे हाथियों को उन गांव की ओर जाने से रोक सके। ग्रामीणों को मधुमक्खी के लिए उपयुक्त फसलों को उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा ।पंचायतों में 200 से 300 तक क्षेत्र में हाथियों के लिए विशेष आवास बनाया जाएगा, ताकि हाथी भोजन या जल की तलाश में गांव की ओर नहीं आए। वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना में विशेष परियोजना स्वीकृत करवा कर पक्के मकान की स्वीकृति देने की योजना है ।संजय टाइगर रिजर्व, बांधवगढ़ टाइगर और जबलपुर में स्थापित रेस्क्यू एस्कॉर्ट को रैपिड रिस्पांस टीम में स्थापित किया जाएगा।

बताया जा रहा है कि साथ में मित्र दल का गठन कर उनके सक्रिय सहयोग लेने के लिए सदस्यों को लाउडस्पीकर, पटाखे, टोर्च, यूनिफार्म व अन्य व्यवस्था की जाएगी। वन विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों ने स्थानीय जनता के बीच बेहतर समन्वय एवं विभिन्न स्तर पर जरूरी प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जा रही है।

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