मध्यप्रदेश के इंदौर की बदल रही तस्वीर, ये महिला 8 बच्चों के साथ मांगती थी भीख, अब खुद का करने लगी व्यापार

कहते हैं इंसान के दिन कभी भी पलट सकते हैं। भगवान के घर में देर है अंधेर नहीं है। इसका जीता जागता उदाहरण मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी और देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में देखने को मिला, जहां एक मां अपने 8 बच्चों को लेकर शहर की सड़कों पर भीख मांगती थी लेकिन आज वहीं मां अपनी खुद की दुकान चला रही है। एक समय था जब अपने बच्चों का पेट भरने के लिए अलग-अलग जगह पर डेरा डालकर दिन रात सड़कों पर भटकती रहती थी, लेकिन आज वहां समय है जब वहां खुद मेहनत कर पैसे कमा रही है।

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15 दिनो से रूकी थी कष्णापुरी छतरी पर

दरअसल हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी और देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर के हृदय स्थल राजवाड़ा स्थित कृष्णापुरी छतरी पर अपने बच्चों के साथ करीब 15 दिनों से एक महिला रुकी हुई है। इस महिला ने छतरी में पूरी तरह से गंदगी फैला रखी थी। इनके 1.5 साल से 15 साल तक के बच्चे थे ।जिनमें दो लड़कियां भी शामिल है ।यह नाबालिक बच्चे नशे की गिरफ्त में आने लग गए थे।

जब इसकी जानकारी भिक्षुक पूर्ण आवास केंद्र की टीम को मिली तो मौके पर पहुंचे इसके बाद उन्हें समझाइश दी गई। जब वहां नहीं माने तो उन्हें एमजी रोड थाने ले जाया गया। काफी बार समझा इसके बाद महिला सहमत हुई इसके बाद टीम ने बच्चों को पढ़ाने के लिए अलग से शिक्षा देने की बात भी कही और उसे उनके बच्चों का भविष्य सुधारने के लिए समझाया तो वह राजी हो गई।

महिला का घंटी बेचने का व्यापार कराया शुरू

महिला ने बताया कि वहां अहिर खेड़ी में झोपड़ी में रहती है। उनके पास आजीविका चलाने का किसी भी तरह का कोई साधन नहीं बचा है। पहले वहां घंटियां बेचती थी इस पर टीम ने महिला को घंटी खरीद कर दी और उसका व्यापार शुरू करवा दिया। महिला के बच्चों में एक नाबालिक नशे की गिरफ्त में था ।उसे नशा केंद्र भेजने की तैयारी की जा रही है ताकि वहां अपना भविष्य बना सके। इसके अलावा उसके पास कुछ हथियार भी थे ।वहीं अब इन बच्चों को पढ़ाने के लिए रोजाना शिक्षक उनके घर जाएंगे।

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8 बच्चों के साथ महिला के साथ किया रेस्क्यू

बता दें कि शहर में भिखारियों के लिए पुनर्वास केंद्र की टीम लगातार काम करती नजर आ रही है। चौराहा पर भीख मांगने वाले भिखारियों का भविष्य संवारने में लगे हैं। कई की मदद की जा चुकी है इसके अलावा कई सामाजिक संगठन के लोग भी मदद कर रहे हैं। 8 बच्चों के साथ इस महिला को रेस्क्यू किया है जो बच्चे नशे के आदी हो गए थे। अब महिला को घंटी खरीद कर दी है ।वहां उसका व्यापार करेगी और बच्चों को शिक्षा दी जाएगी। ऐसे में 1 दिन शहर पूरी तरह से भिक्षुक मुक्त हो जाएगा।