सैनिकों के सम्मान में अनोखा है छिंदवाड़ा का सोल्जर सिटी ग्रुप, सैनिक अंशुल पहाड़े निःशुल्क कराते है ट्रेनिंग और नाश्ता
भारत की सीमा पर हर मौसम में खड़े रहकर रक्षा करने वाले सैनिकों को हर कोई सलाम करता है। सरकार भी सैनिकों और उनके परिवारों के लिए कई तरह की विशेष योजनाओं का संचालन करती है। कई लोग अलग-अलग तरीकों से समय-समय पर सैनिकों के सम्मान के अजीबोगरीब तरीके निकालते रहते हैं। ऐसा ही एक अनोखा तरीका छिंदवाड़ा का एक ग्रुप कर रहा है।
छिंदवाड़ा शहर के सोल्जर सिटी ग्रुप में शहीदों और उनके परिवार में को सम्मान देने के लिए एक अनोखा तरीका शुरू किया है। दरअसल यह ग्रुप इन सभी को फ्री में साउथ इंडियन नाश्ता उपलब्ध कराता है जिसके लिए उनसे कोई भी शुल्क नहीं लिया जाता है। आप भारत के किसी भी क्षेत्र में सेना के जवान हैं और आपके पास एक उचित आईडी कार्ड है तो इसे दिखाकर आप बिना कोई शुल्क दिए नाश्ता कर सकते हैं, नाश्ते की यह सुविधा प्रतिदिन सुबह 7 से 12 तक होती है।
छिंदवाड़ा में सोल्जर सिटी ग्रुप की शुरुआत वायु सेना के जवान अंशुल पहाड़े ने की है जोकि कोयंबटूर में सेवाएं देते हैं। यह ग्रुप उन नौजवानों को फिजिकल ट्रेनिंग निशुल्क रूप से उपलब्ध कराता है जो सेना में भर्ती होने की इच्छा रखते हैं। इस दुकान का संचालन करने वाले सभी सदस्य सोल्जर सिटीग्रुप के हैं और सेना में भर्ती होने की तैयारी कर रहे हैं।
युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना
वायु सेना के जवान अंशुल पहाड़े ने बताया कि इस ग्रुप को शुरू करने का उद्देश्य बहुत साधारण है। कई नौजवान सेना में जाने की चाह रखते हैं लेकिन कोविड-19 के समय में वैकेंसी नहीं होने की वजह से उनकी आयु सीमा पार कर चुकी थी जिस वजह से कई नौजवानों को रोजगार की आवश्यकता थी। इन्हीं बेरोजगार नौजवानों के लिए रोजगार की व्यवस्था करने के लिए सोल्जर सिटी ब्रेकफास्ट प्वाइंट खोल कर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
अंशुल पहाड़े बताते हैं कि उन्होंने कक्षा 5 में अध्ययन करते हुए यह निश्चित कर लिया था कि उन्हें देश की सेवा के लिए वायु सेना में भर्ती होना है। उनका मानना है कि अधिकतर लोग सेना में भर्ती होने की चाहत तो रखते हैं लेकिन महंगी शिक्षा उनके इस सपने को तोड़ देती है। नौजवानों के इसी सपने को पूरा करने के लिए अंशुल पहाड़े ने निशुल्क फिजिकल ट्रेनिंग कैंप शुरू किया आज उनके कैंप में 150 नौजवान ट्रेनिंग ले रहे हैं और अब तक 100 से अधिक सेना में शामिल हो चुके हैं।
अंशुल पहाड़े पूरी जवाबदारी के साथ अपने इस ग्रुप का संचालन करते हैं और हर 3 महीने में छिंदवाड़ा आते हैं। अंशुल पहाड़े स्वयं और अपने मित्रों के सहयोग से इस ग्रुप की मदद करते हैं। उनका सिर्फ एक ही सपना है कि छिंदवाड़ा के नौजवानों को देश सेवा से जोड़कर इस शहर को सोल्जर सिटी बनाना है। अंशुल जैसे सैनिक का सपना और कार्य पूरे देश के लिए एक मिसाल है क्योंकि देश की सेवा और सैनिकों का सम्मान तो हर नागरिक करता है लेकिन सोल्जर सिटीग्रुप का तरीका अनोखा है और सराहनीय है।