डिलीवरी बॉय ने ​खाना पार्सल करते समय सीखी कोडिंग, अब आईटी कंपनी में मिली सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी, जानें संघर्ष

अगर इंसान में किसी काम को करने की काबिलियत और हौंसले में दम हो तो फिर किसी भी काम को कर सकते हैं। वहीं अगर मेहनत से और लगन से किया गया काम कभी भी असफल की राह पर नहीं ले जाता है। इसी बीच हम आपको आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम के एक ऐसे युवा के बारे में बताने जा रहे हैं जो डिलीवरी ब्वॉय का काम करते हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपने संघर्ष और मेहनत के बलबूते अब ऐसा काम किया है जिसकी चारों और सराहना हो रही है। इस समय कई युवा नौकरियों की तलाश में घूम रहे हैं, लेकिन अगर काबिलियत और प्रतिभा हो तो फिर नौकरी मिलने में किसी तरह की परेशानी नहीं आती है।

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डिलीवरी ब्वॉय बना अब सॉफ्टवेयर इंजीनियर

दरअसल इसका उदाहरण पेश किया है शेख अब्दुल सथर ने, जिन्हें डिलीवरी ब्वॉय का काम करते हुए अब एक सॉफ्टवेयर कंपनी में इंजीनियर के रूप में नौकरी मिल गई है। इसके पीछे उनकी मेहनत है। इस खबर में शेख अब्दुल की पूरी कहानी हम आपको दिखाएंगे जो ऐसे युवाओं का मनोबल बढ़ाएगी जो सरकारी नौकरी पाने के लिए मेहनत तो करते हैं, लेकिन हमेशा सफल हो जाते हैं, लेकिन सच्चे मन और मेहनत से किया गया काम कभी भी असफल नहीं होने देता है। ऐसे में अब्दुल की कहानी भी कुछ ऐसी ही है।

शेख अब्दुल ने लिखी ये बात

देश में ऐसे कई युवा है जो मेहनत तो करते हैं, लेकिन बार-बार मिलती असफलता की वजह से अपनी मंजिल को भूल जाते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है मेहनत और लगन से जिस काम को किया जाए उस काम में सफलता जरूर मिलती है। अब हम बात करें शेख अब्दुल की इन्होंने अपनी कहानी लिंक्डइन प्रोफाइल पर शेयर की है। जिसमें उन्होंने लिखा मैं एक डिलीवरी बाय हूं जिसका एक सपना है। मैं जल्द से जल्द आर्थिक रूप से योगदान देना चाहता था। मेरे पिता एक संविदा कर्मचारी है शुरू से ही बहुत शर्मीला था लेकिन डिलीवरी बाय होने के नाते मैंने बहुत कुछ सीखा है।

इन लोगों से मिली सलाह

वहीं शेख अब्दुल ने आगे लिखा है कि उन्हें कोडिंग सीखने की सलाह उनके दोस्तों से मिली थी। इसके बाद उन्होंने इसे ज्वाइन किया और डिलीवरी ब्वॉय का काम करते समय इसे गंभीरता से लेते हुए सीखते चले गए। शाम 6:00 बजे से रात 12:00 बजे तक वहां डिलीवरी का काम करते थे। इसमें जो पैसा कमाते थे और पॉकेट मनी के रूप और परिवार की छोटी जरूरतों को पूरा करते थे।

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इसके बाद उनकी मेहनत ही रंग लाई कि अब वहां एप्लीकेशन बनाने में सक्षम हो गए हैं। शेख को अब आईटी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी मिल चुकी है। उनका कहना है कि उन्हें इस बात का गर्व है। इस स्थिति में आ गया हूं.. अपनी सैलरी से माता पिता का कर्ज उतार सकेंगे।