मध्यप्रदेश में लगातार 2 दिन की बारिश से महंगी हुई सब्जी की कीमत, डिलीवरी नहीं होने से टमाटर और भिंडी के साथ फलों ने निकालें आंसू

मध्य प्रदेश में बीते दिनों हुई मूसलाधार बारिश की वजह से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया था। नदी नाले उफान पर होने के साथ ही नर्मदा नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी। इसकी वजह से मंडियों में प्याज लहसुन के साथ ही सब्जियां नहीं पहुंच पा रही है। आलम यह था कि जगह-जगह रास्ते बंद होने से खेतों से किसान सब्जी नहीं तोड़ पा रहे थे। इसकी वजह से सब्जियों की कीमत सातवें आसमान पर पहुंच गई है। हालांकि बारिश थमने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि स्थानीय मंडी में चारों तरफ से सब्जियों की आवक होगी। जिससे ग्राहकों को भी लाभ मिलना अगले महा सितंबर में शुरू हो जाएगा।

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55 फीसदी सब्जियों महाराष्ट्र लाइन से आ रही

दरअसल स्थानी सब्जी मंडी की बात करें तो यहां पर करीब 55 फीसदी सब्जियां महाराष्ट्र लाइन से होकर आ रही है। वहीं बाकी राजधानी भोपाल के आसपास क्षेत्रों से कम मात्रा में आवक हो रही है। टमाटर की आवक बेंगलुरु लाइन से जबकि आलू यूपी लाइन से आ रहा है। वहीं प्याज की आवक भी अब धीरे.धीरे मंडियों में होने लगी है। शाजापुर मंडी की बात करें तो यहां पर बारिश थमने के बाद गुरुवार को मंडी में प्याज की आवक भरमार तरीके से हुई है।

इन सब्जियों के दामों में दिखी तेजी

कारोबारियों ने बताया कि बारिश ने कुछ सब्जियों में ज्यादा तेजी दिखाई है। खासकर अंतर राज्यीय सब्जियों में अधिक तेजी देखने को मिली है ।इसकी वजह से बारिश के चलते दूसरे राज्यों से सब्जी की आवक भी नहीं हो पा रही है। माल भाड़ा भी ज्यादा हो गया है। थोक सब्जी विक्रेता हरिओम खटीक ने जानकारी देते हुए बताया कि अधिक कीमत वाली सब्जियों में पत्ता गोभी, फूल गोभी, करेला, शिमला मिर्च, गिलकी और भिंडी बनी हुई है, जबकि टमाटर की कीमतों में तेजी बरकरार मंगलवार को स्थानीय थोक मंडी में टमाटर के पौधे 20 से 22 रुपए किलो के हिसाब से हुए ।हालांकि रिटेल में इसके भाव 80 से 40 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक रहे हैं।

40 प्रतिशत से कम रह गई सब्जियों की आवक

भारी बारिश की वजह से मंडी में सब्जियों की आवक करीब 40 प्रतिशत कम रह गई है। हालांकि उनका कहना है कि मौसम साफ होने से तुड़ाई कार्य में तेजी दिखाई जा रही है। सब्जियां जैसे ही मंडी में पहुंचेगी तो भाव गिरावट भी देखने को मिल सकती है ।हाल ही में हुई बारिश की वजह से फलों की आवक एवं क्वालिटी पर भी गहरा असर पड़ा है ।बारिश की वजह से आर्डर का माल सस्ते में फंस गया जो माल मंडी में पहुंच गया था ।मांग नहीं होने से उसकी क्वालिटी भी खराब हो गई है।

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जानिए फलों की कीमत

फल विक्रेताओं का लंबा आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है। कारोबारियों के अनुसार लगातार 3 दिन से बारिश होने की वजह से दूसरे राज्यों की गाड़ियां रास्ते में अटक गई। इससे फल खराब होने लगे है। बेस्ट क्वालिटी का सेव थोक में 110 रुपए किलो था वो अब 80-90 रुपए पर आ गया। इसी तरह 400 रुपए प्रति कैरेट वाला केला 300 रुपए, अमृतसर से आने वाली नासपाती 60 रुपए से उतरकर 40 रुपए किलो पर आ गई। महाराष्ट्र लाइन से आने वाला अनार 110 रुपए तक नीलाम हो रहा थाए वह घटकर 80 रुपए पर आ गया।