मध्यप्रदेश का पहला ऐसा मंदिर, जहां एक दिन में लगा भगवान गणेश को 11 हजार किलो लड्डू-मोदक का भोग

मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी और देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में स्थित प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर अपनी अनूठी मान्यताओं के लिए काफी प्रसिद्ध है। बुधवार से गणेश चतुर्थी का पर्व शुरू हो गया है। इस बार खजराना गणेश मंदिर में एक नया रिकॉर्ड बनाया है। दरअसल मध्य प्रदेश का ऐसा संभवत पहला मंदिर बन गया है, जहां पर 1 दिन में करीब 11000 किलो लड्डू मोदक का भोग लगाया गया है। इस दौरान 24 घंटे लगातार भक्तों की भीड़ लगी रही है।

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11 हजार से अधिक लड्डू और मोदक बांटे

उज्जैन के बाबा महाकाल के मंदिर में भी दर्शन करने के लिए दो लाख से अधिक भक्तों पहुंचे। इस दौरान खजराना भक्त मंडल द्वारा सुबह सवा लाख मोदक का भोग भगवान सिद्धिविनायक को लगाया गया है प्रसाद सुबह 9 बजे से बांटना शुरू हुआ जो शाम 6 बजे तक जारी रहा है ।भक्तों द्वारा अपनी श्रद्धा अनुसार यहां भोकर बीच किया गया मंदिर के बाहर करीब 64 दुकान है जहां पर लड्डू और मोदक प्रसाद की बिक्री की जाती दुकानदारों ने बताया।

मंगलवार रात भर हरतालिका तीज की वजह से मंदिर में भक्तों की भीड़ रही है। इस वजह से रातभर प्रसाद की बिक्री होती रही है। सुभाष प्रसाद की बिक्री हुई सुबह से शाम तक करीब 7 से 8000 किलो प्रसाद की बिक्री हुई। करीब 2500 किलो प्रसाद भक्त मंडल द्वारा बांटे गए जिसमें करीब 11000 किलो से अधिक लड्डू और मोदक एक दिन में भगवान को अर्पित किया गया है।

7 साल से मोदक और लड्डू की व्यवस्था संभाल रहे

भक्त मंडल के द्वारा बीते 7 साल से मोदक और लड्डू का प्रसाद निर्माण का वितरण की व्यवस्था संभाल रही है। बीते कुछ सालों से महामारी की वजह से भीड़ कम थी लेकिन इस बार भीड़ अधिक रहने की वजह से करीब 2500 किलोमीटर का निर्माण कराया गया। संयोजक अरविंद बागड़ी ने कहा कि प्रसाद बांटने के लिए 30 सेवादार लगाए गए थे। उम्मीद है कि 12 घंटे लगातार प्रसाद बांटा गया है, लेकिन 10 घंटे में ही भीड़ में प्रसाद बढ़ गया है करीब 11000 किलो प्रसाद 1 दिन में चढ़ाया गया।

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मंदिर में 24 घंटे एक जैसी भीड़ रही है मन में भी खासा उत्साह दिखा। मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित अशोक भट्ट ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भक्तों की आस्था का सैलाब उम्र रेखा जिसे देखते हुए पर्याप्त इंतजाम कर लिए गए थे ।बारिश को देखते हुए वाटरप्रूफ डोम बनाए गए ताकि बारिश में भक्तों में उत्साह में किसी तरह का खलल ना पड़े।