खुशखबरी: ट्रेन में सफर करते वक्त घायल होने पर रेलवे देगा मुआवजा, हाईकोर्ट ने रेलवे को दिए ये​ निर्देश

ट्रेन में हर दिन कई यात्री सफर करते हैं इसलिए इसे देश की लाइफ लाइन भी कहा जाता है। आए दिन ट्रेन में भीड़ नजर आती है और ऐसे में कई हादसों की खबरें भी सुनने को मिलती है। कई यात्री उतरने और चढ़ने के दौरान घायल हो जाते हैं जिससे उन्हें अधिक चोट भी लग जाती है। ऐसे में अब रेलवे को मुआवजा देने के लिए कोर्ट ने आदेश दिया है जिसके बाद अब रेलवे यात्रियों को रेलवे की तरफ से घायल होने पर मुआवजा दिया जाएगा जिससे यात्री अपना इलाज आसानी से करवा पाएगा।

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लाखों ट्रेन में हर दिन करते है सफर

दरअसल रोजाना ट्रेन में लाखों लोग सफर करते हैं। ऐसे में ट्रेन में फिर भी नजर आती है और कई बार भीड़ की वजह से लोग जख्मी भी हो जाते हैं। ऐसी घटना ट्रेन से उतरते समय हड़बड़ाहट में यात्री घायल हो जाते हैं। ऐसे यात्रियों के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है। मुंबई हाई कोर्ट ने रेलवे यात्रियों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अब ट्रेन मुंबई की लाइफ लाइन है। अगर कोई यात्री भीड़ वाली ट्रेन में चढ़ते वक्त गिर जाता है और घायल भी हो जाता है तो इसे अप्रिय घटना के दायरे में रखा जाएगा और रेलवे इसका भुगतान करेगा।

घायल होने वाले यात्रियों को मिलेगा मुआवजा

दरअसल मुंबई हाई कोर्ट ने एक मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने वेस्टर्न रेलवे को एक 75 वर्षीय व्यक्ति को 300000 मुआवजा देने का निर्देश दिया। बुजुर्ग भीड़ वाली लोकल ट्रेन में यात्रा के दौरान अचानक पैर फिसलने से गिर गया था और उसके पैर में चोट आई थी। इसके बाद कोर्ट ने इस तरह का फैसला सुनाते हुए आगामी समय में कोई भी व्यक्ति भीड़ वाली ट्रेन से गिरकर घायल हो जाता है तो उसे रेलवे की तरफ से मुआवजा राशि दी जाएगी जिससे आसानी से वहां अपना इलाज करवा सकता है।

कोर्ट में रेलवे ने रखा अपना पक्ष

दरअसल जिस समय कोर्ट में सुनवाई चल रही थी उस दौरान रेलवे ने अपना तर्क दिया कि यात्री वाली ट्रेन में चढ़ते वक्त बुजुर्ग व्यक्ति का पैर फिसल गया और वहां हादसे का शिकार हो गया था इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए रेलवे को 300000 का मुआवजा देने की घोषणा कर दी है, लेकिन पश्चिम रेलवे ने हाईकोर्ट को यह तर्क दिया कि यह मामला अधिनियम की धारा 124 ए के प्रावधानों के तहत नहीं आता है। रेलवे की ओर से बनाए गए नियमों का उल्लंघन कर रहा था। यही वजह है कि रेलवे की ओर से इस यात्री को मुआवजा नहीं दिया जाना चाहिए।

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कोर्ट ने सभी तर्कों को सिरे से नकारा

इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सभी तर्कों को नकारते हुए कहा कि मामला पूरी तरह के अधिनियम की धारा 124 ए के प्रावधानों के अंतर्गत ही आता है। यही नहीं कोर्ट ने यह भी कहा कि इस धारा के तहत किसी भी पीड़ित को मुआवजा देने की बात बताई गई है। कोर्ट ने कहा कि अगर भीड़ वाली ट्रेन में चढ़ते वक्त कोई यात्री धक्का-मुक्की के दौरान गिरकर घायल हो जाता है तो उसे मुआवजा मिलना चाहिए इसके लिए रेलवे उत्तरदाई है। यानी कि आगामी समय में कोई भी यात्री अगर चढ़ते उतरते वक्त ट्रेन से गिरकर घायल हो जाता है तो उसे मुआवजा राशि दी जाएगी।