दिवाली पर होती गोवर्धन पूजा, जानिए क्यों बनाई जाती है गोबर की प्रतिमा और क्या है पूजा का मुहूर्त

Govardhan Puja: आगामी समय में धनतेरस और दीपावली का त्यौहार आने वाला है। इसको लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही है। लक्ष्मी पूजन के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। जिसमें घर घर में गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाया जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पूजा की थी और इंद्र देवता का अहंकार तोड़ा था तब से लेकर आज यह चलन चला आ रहा है। श्री कृष्ण को गाय और बछड़ा से बहुत प्रेम था उस समय गोकुल वासी इंद्र देवता की पूजा किया करते थे। लेकिन भगवान कृष्ण ने अपने हाथ से इंद्रदेव को पूछने की बजाए गोवर्धन पर्वत की पूजा की।

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गाय के गोबर से बने गोवर्धन की करें पूजा

श्री कृष्ण गायों की खूब सेवा किया करते थे और उनसे प्यार भी करते थे। गाय का गोबर अत्यंत पवित्र माना जाता है इसीलिए गोवर्धन की पूजा की जाती है। इसके चारों कोनों में करवा की सिंह के लगाई जाती हो और इसके अंदर कई अन्य आकृति अभी बनाई जाती है जिसकी इस दिन पूजा की जाती है। गोवर्धन पर्वत की इस गोबर से बनाई प्रतिमा को गोवर्धन बाबा के रूप में स्थापित किया जाता है। कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा प्रीति को त्यौहार मनाया जाता है।

इस तरह बना सकते है गोवर्धन पर्वत

हर घर में गोवर्धन पूजा की जाती है इस मौके पर गाय और भैंस के गोबर से गोवर्धन पर्वत की प्रतिमा बनाई जाती है और पूजा भी करते हैं ।गोवर्धन पर्वत के गोबर सूखने के बाद उसे मुकुट कपड़े पहना कर सजा सकते हैं। पर्वत के चारों और आप रंग-बिरंगे फूलों से सजा सकते हैं। गोवर्धन के माथे पर सफेद और पीले रंग की बिंदिया माथे पर तिलक लगा सकते हैं।

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पूजा करने से मनोकामना होती है पूर्ण

इस दीपावली पर भी लोगों के घर में गोवर्धन पूजन की जाएगी। इसको लेकर घरों में रंगाई पुताई का काम पूरा हो गया है। वहीं अब दीपावली भी नजदीक है। ऐसे में बाजारों में भी रौनक देखने को मिली है। गोवर्धन की पूजा को लेकर लोग बाजारों से सामान खरीद कर ला रहे हैं ।मान्यता है कि इस दिन श्रद्धा पूर्वक गाय के गोबर से बने पर्वत की पूजा करते हैं तो उसकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है।

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