मध्यप्रदेश के कॉलेज विद्यार्थियों के लिए जरूरी खबर, अब कक्षा में 75 फीसद उपस्थिति पर ही मिलेगी छात्रवृत्ति, जानिए नए नियम

मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में कई तरह के बदलाव किए जा रहे हैं। ऐसे में अब छात्रों के लिए सत्र 2022-23 में छात्रवृत्ति को लेकर नियमों में बदलाव कर दिया गया है। दरअसल अभी तक छात्र छात्राओं के उपस्थिति कम होने के बाद भी उन्हें छात्रवृत्ति मिल जाया करती थी, लेकिन अब विद्यार्थियों की कालेज स्कूलों में 75 प्रतिशत उपस्थिति होना अनिवार्य कर दी गई है। यानी कि अगर अब कालेज में विद्यार्थियों की उपस्थिति कम पाई जाती है तो उन विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति नहीं दी जाएगी ।

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सालभर कॉलेज से गायब रहते है छात्र-छात्रा

दरअसल कॉलेजों को अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों की जानकारी भेजनी है। नियमों में संशोधन को लेकर छात्र छात्राएं नाराज है और हर कोई पुराने नियमों को दोबारा से लागू करने की मांग कर रहे हैं ।उच्च शिक्षा विभाग ने कालेजों में बायोमेट्रिक पद्धति से विद्यार्थी की उपस्थिति दर्ज करने के निर्देश जारी कर दिए हैं, लेकिन यह व्यवस्था भी लागू नहीं होगी इसके लिए विभाग के कुछ महीनों का समय मांगा है। कॉलेज को जल्द से जल्द बायोमेट्रिक मशीन लगाने पर भी जोर देने की बात कही गई है। पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति को लेकर एससी, एसटी और ओबीसी विभाग ने समीक्षा की है और अधिकारियों ने बताया। कई कालेजों में छात्रवृत्ति के लिए विद्यार्थी नाम लिखवा दें ।मगर साल भर कक्षाओं से गायब रहते हैं अब ऐसे छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं दी जाएगी।

उच्च शिक्षा विभाग की तरफ से कॉलेजों को निर्देश जारी कर दिया है और सभी विद्यार्थियों की उपस्थिति के बारे में जानकारी देने की बात कही गई है। शिकायत मिलने के बाद विभागों ने नियमों में बदलाव कर दिया है। इसके लिए कॉलेजों को आरक्षित वर्ग के विद्यार्थियों को बताना अनिवार्य कर दिया है ।प्रत्येक महीने की जानकारी अब उच्च शिक्षा विभाग व संबंधित विभाग को देना आवश्यक है ।

उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेजों को दिए ये निर्देश

विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति इसी के बाद जारी की जाएगी ।अगर विद्यार्थियों की उपस्थिति कम पाई जाती है तो उन्हें छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी। अधिकारियों के अनुसार बायोमेट्रिक मशीन से उपस्थिति लेने की व्यवस्था भी जल्द की जाएगी ।कॉलेजों को मशीन दिसंबर तक लगाना भी अनिवार्य कर दिया है। संचालक डॉ. सुरेश सिलावट ने बताया छात्रवृत्ति से जुड़े नियमों का प्रतीक कॉलेज को पालन करना अनिवार्य है ।उसके आधार पर ही आवेदनों की जांच की जाएगी।

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