Girls Hukkah Bar: मध्यप्रदेश में तेजी से नशे में डूब रही बेटियां, लड़कियों ने बीड़ी पीने में लहराया परचम

Girls Hukkah Bar : पूरे भारत में मध्यप्रदेश की एक विशेष पहचान है क्योकि जब भी स्वछता की बात की जाती है तो इंदौर शहर ने मध्यप्रदेश का गौरव बढ़ाया है। लेकिन बाईट कुछ वर्षों से मध्यप्रदेश में छोटे बच्चे ऑनलाइन गेम की लत के शिकार है। यहां के बच्चों में ऑनलाइन गेम के प्रति इतनी दीवानगी है जिन के किस्से आए दिन प्रदेश में चर्चा का विषय रहते हैं। मध्यप्रदेश में एक तरफ जहां बच्चे ऑनलाइन गेम के दीवाने हैं तो वही युवा वर्ग में शराब और नशे की दीवानगी है। मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती पिछले काफी समय से शराबबंदी और नशा मुक्ति के लिए सरकार के खिलाफ आक्रमक दिखाई पड़ती है।

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Girls Smoking in Madhyapradesh

इन सभी के बीच स्वास्थ्य विभाग ने मध्य प्रदेश सरकार की चिंताएं बढ़ा दी है दरअसल स्वास्थ्य विभाग ने तंबाकू उत्पादों के सेवन को लेकर जो आंकड़े प्रस्तुत किए हैं वह सरकार के लिए चिंताजनक है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार मध्यप्रदेश में पिछले 7 सालों में सिगरेट पीने वाली लड़कियों की संख्या 9.3% पहुंच गई है वही बीड़ी पीने वाली लड़कियों की संख्या 13% पहुंच गई है। शनिवार को भोपाल के होटल ताज में उमंग हेल्थ एंड वेलनेस कार्यक्रम के दौरान नेशनल हेल्थ मिशन की डायरेक्टर प्रियंका दास ने यह आकड़े बताएं है।

तंबाकू सेवन में मप्र 29वें नंबर पर…

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मध्यप्रदेश में धीरे-धीरे युवा वर्ग नशे के आगोश में डूबता जा रहा है तो वही मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार नशा मुक्ति अभियान चला रही है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए इन आंकड़ों को देखकर सरकार और स्वास्थ विभाग मुश्किलों में घिरा हुआ नजर आता है। बीते कुछ वर्षों में मध्यप्रदेश में शिक्षा और व्यवसाय के क्षेत्र में असीमित अवसर पैदा हुए हैं जिसके चलते दूसरे प्रदेशों के युवा वर्ग को प्रदेश ने आकर्षित किया है। फलस्वरूप मध्यप्रदेश के युवाओं ने वेस्टर्न कल्चर की ओर तेजी से अपने कदम बढ़ाए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस तरह का सर्वे पहली बार करवाया गया है जिसके आंकड़े काफी चौंकाने वाले हैं।

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आंकड़ों के अनुसार मध्य प्रदेश में पिछले कुछ सालों में लड़कियों में नशा करने का प्रचलन काफी बढ़ गया है। नेशनल हेल्थ मिशन की डायरेक्टर प्रियंका दास ने बताया कि मध्य प्रदेश की 100 में से 7 लड़कियां सिगरेट पी रही है जबकि 11% लड़कियां बीड़ी का सेवन कर रही हैं। प्रियंका दास ने यह भी बताया कि शराब और ड्रग्स का सेवन करने वाली लड़कियों की संख्या में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े तो यहां तक कहते हैं कि मध्यप्रदेश में लड़कियां 7 साल की उम्र से ही सिगरेट पीना शुरू कर देती है।

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मप्र के 34 स्कूलों में हुआ सर्वे…

स्वास्थ्य विभाग द्वारा किये गए सर्वे में यह भी पता चला है कि मध्यप्रदेश में जो लड़कियां प्राइवेट कमरा लेकर रह रही हैं उनमें नशे का प्रचलन ज्यादा है। मध्यप्रदेश में 25% लड़के नशा करते हैं लेकिन अब लड़कियां भी उनके बराबर शराब और ड्रग्स का सेवन कर रही है। ऐसे में उन माता-पिता के लिए चिंता का विषय है जिनकी लड़कियां हॉस्टल या प्राइवेट रूम लेकर घर से दूर रहती हैं। क्योंकि सर्वे में इन लड़कियों की संख्या सबसे अधिक बताई गई है जो घर से दूर हॉस्टल या प्राइवेट रूम में रहती हैं।

मध्य प्रदेश को नशा मुक्त बनाने के लिए 2015 में उमंग किशोर शिक्षा कार्यक्रम प्रारंभ किया गया था। उमंग किशोर शिक्षा कार्यक्रम का उद्देश्य मध्य प्रदेश के स्कूलों में पढ़ने वाले 50 लाख बच्चों की शारीरिक मानसिक समस्याओं का समाधान करना था। स्कूलों में पढ़ने वाले 50 लाख बच्चों के लिए लाइफ स्किल्स, पोषण, शिक्षा प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभु राम चौधरी ने उमंग स्कूल हेल्थ एंड वैलनेस कार्यक्रम की शुरुआत की है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को हेल्थ एंड वैलनेस मैसेंजर बनाया जाए जिनके लिए यूएनएफपीए संस्था ने कई तरह के मॉड्यूल तैयार किए हैं।

Piyush Talesara

I am a Digital Marketer Graduate in B.Com. I am specializing in running advertisements and writing articles. I am working for two years as a Journalist at the daily madhya pradesh.

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