ब्राजील में कुश्ती लड़ेगा इंदौर का मूक-बधिर राज वर्मा, माता-पिता के जाने के बाद बिगड़े हालात, सब्जी ठेला लगाकर कर रहे गुजारा

दुनिया में कई प्रतिभाशाली व्यक्ति होते हैं जो अपने हुनर से दुनिया जीत लेते हैं। इसी बीच ऐसे ही प्रतिभाशाली युवक के बारे में बताने जा रहे हैं जो मुक बधिर है, लेकिन प्रतिभा और हौंसले इतने मजबूत है कि आज उन्हें ब्राजील में कुश्ती का जौहर दिखाने का मौका मिला है। दरअसल हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में सब्जी का ठेला लगाकर जीवन यापन करने वाले राज वर्मा की.. जिन्होंने काफी संघर्ष किया है। वहीं माता पिता के गुजर जाने के बाद परिवार में आर्थिक संकट पैदा हो गया। इसके बाद उन्होंने सब्जी का ठेला लगाकर जीवन यापन शुरू किया। वहीं अब उन्हें अंतरराष्ट्रीय मुखबिर ओलंपिक में हिस्सा लेने का मौका मिला है जिसमें वहां मई में कुश्ती का जौहर दिखाएंगे।

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दरअसल क्रिकेट से लेकर हॉकी और कुश्ती में कई खिलाड़ी है जो काफी संघर्ष के बाद इस मुकाम पर पहुंचे। ऐसे ही हम एक प्रतिभाशाली युवक के बारे में बताने जा रहे हैं जो काफी संघर्ष के बाद उन्हें अब बड़े स्तर पर खेलने का मौका मिला है। दरअसल मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के शिवाजी नगर मालवा मिल में छोटी सी बस्ती में रहने वाले राज वर्मा का छोटा भाई भी मुक बधिर है और माता पिता के गुजर जाने के बाद पूरा परिवार आर्थिक संकट से गुजर रहा हैं। राज कुश्ती के साथ फर्स्ट ईयर की पढ़ाई भी कर रहा है इसके साथ ही सब्जी का ठेला लगाकर जीवन यापन कर रहा है।

2016 में मां 2020 में पिता ने छोड़ा साथ

राज वर्मा की कहानी बहुत ही दिलचस्प है इनका एक छोटा सा परिवार है राज और उनका बड़ा भाई ऋषभ दोनों शिवाजी नगर के मालवा मिल में छोटी बस्ती में रहते हैं। दोनों के सिर से माता पिता का साया उठ चुका है। मां 2016 में तो वहीं 2020 में पीता उन्हें छोड़ कर चले गए। माता-पिता दोनों सब्जी का धंधा करते थे इसके बाद राजू ने सब्जी के धंधे को संभाला और सब्जी का व्यवसाय कर रहा था, लेकिन 3 महीने पहले नगर निगम ने मालवा मिल की जो सबसे पुरानी मंडी मानी जाती थी उसे हटा दिया। इसके बाद उनके परिवार के सामने जीवन यापन करने का संकट खड़ा हो गया था।

हॉकी के बाद कुश्ती में आजमाएं हाथ

दरअसल राज की भाभी की माने तो वहां काफी मेहनती और परिश्रमी व्यक्ति है, उन्हें हॉकी का काफी शौक था, लेकिन उनके ताऊ बंडू पहलवान कुश्ती के चैंपियन थे जिससे उनके मन में भी कुश्ती की ललक जागी और उन्होंने हॉकी छोड़कर 12 साल की उम्र में प्रैक्टिस शुरू कर दी। इसके बाद उन्होंने कुश्ती में कई अवार्ड जीते। इस बीच उनके माता-पिता का निधन हो गया जिसके बाद भी उन्होंने प्रैक्टिस जारी रखी।

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7 पदक जीत चुके है राज वर्मा

वहीं राज की मां का सपना था कि वहां कुश्ती में मुकाम हासिल कर उनके सपने को साकार करें। इस समय राज गोमती देवी व्यामशाला में प्रैक्टिस कर रहा है। उन्होंने राष्ट्रीय शालेय कुश्ती स्पर्धा में कांस्य पदक, 50 किलोग्राम वजन समूह में तीन राष्ट्रीय पदक जीते हैं ।वहीं इस में एक स्वर्ण पदक भी शामिल है। ऐसे में जिला व राज्य स्तर की स्पर्धा में उन्होंने अभी तक 7 पदक अपने नाम किए है।

ब्राजील में आयोजित ओलंपिक में लेंगे भाग

बता दें कि इस साल ब्राजील में ओलंपिक का आयोजन किया जाएगा जिसमें मुक बधिर राज वर्मा 55 किलोग्राम स्पर्धा में भाग लेंगे। वहां 5 अप्रैल को दिल्ली के लिए रवाना होंगे जिसमें अन्य पहलवानों के साथ राज को भी स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद 5 मई को टीम के साथ ब्राजील रवाना हो जाएंगे।