मध्यप्रदेश में इस जगह खेत की खुदाई में मिले पाषाण युग के सबूत, जानें क्या देते है संकेत

रायसेन जिले के सांची जनपद क्षेत्र में सेवानिवृत्त संयुक्त महानिदेशक के खेत में खुदाई हो रही थी। पुराण संपदा के पाषाण युगीय काल के प्रमाण मिले है। बता दें कि संयुक्त महानिदेशक के द्वारा ग्राम ढकना चपना में नया मकान निर्माण के लिए खेत में गड्ढे की खुदाई करवा रहे थे। इसी दौरान पुराण संपदा के पाषाण युगीय काल के प्रमाण मिले है। अब इनकी जांच के लिए भेजा गया है और उनका अध्ययन भी किया जा रहा है।

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पाषाण युगीय काल के प्रमाण मिले

दरअसल जमीन में खुदाई के दौरान कई बार पुरानी चीजें मिल जाया करती है। इसी तरह रायसेन जिले की सांची जनपद क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम ढकना चपना में रिटायर्ड संयुक्त महानिदेशक एसबी ओता मकान निर्माण के लिए खेत में खुदाई करवा रहे थे। इस दौरान उन्हें पाषाण काल के प्रमाण मिले है। इसके बाद उन्होंने खुदाई का काम रुकवा दिया। हालांकि अब इसकी पड़ताल की जा रही है।

दरअसल अनुमान लगाया जा रहा है कि जब आदिमानव जंगल में मोरम तथा पत्थर बिछाकर उस पर सोते थे। एसबी ओता ने कहा कि इन प्रमाणों से प्रतीत होता है कि लगभग लाखों साल पहले का है। उन्होंने बताया कि भारतीय उपमहाद्वीप मध्य क्षेत्र जिसमें मध्य प्रदेश भी शामिल प्रागैतिहासिक मानव काल के साक्ष्यों से भरा पड़ा है।

पुरास्थलों का निरीक्षण करने वाले दो पुरातत्वविद सुमन पांडे और निहारिका श्रीवास्तव ने सेवानिवृत्त ओता पूराविद के मार्गदर्शन में सांची स्थलों का भी संरक्षण किया गया था। इससे पहले भी खुदाई में उन्हें दोनों पुरातत्व वेदों में कुछ पत्थर से बने औजार भी मिले थे। आदिमानव फल, फूल, कंद पत्तों से अपना जीवन यापन करते थे। ऐसे स्थानों पर उन्होंने अपने औजार बनाए थे। ओता ने बताया कि आज फिर इस क्षेत्र में अपने निजी भूमि पर खुदाई करते समय उन्हें प्रमाण मिले हैं। औजारों का लैब में प्रशिक्षण कर सुरक्षित व संरक्षित रखे गए हैं। इनसे हमें आदिमानव के रहने खाने पीने का पता लग जाता है।

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