जानिए पिता के देहांत के बाद भाई में कैसे होता है संपत्ति का बंटवारा, ये होते है नियम

हर घर में बंटवारे जरूर होते हैं संपत्ति से लेकर खेत और खलिहान हर चीज का बटवारा होता हैए लेकिन कई बार इसमें विवाद की स्थिति उत्पन्न होती है। इस समय देखा जाता है जब परिवार का मुखिया चला जाता है ऐसी स्थिति में इन दिनों भाई.भाई में विवाद का बड़ा कारण बनता हैए लेकिन क्या आपको पता है कि इसके लिए भी कुछ नियम बनाए गए हैं जिससे आप इन विवादों से आसानी से बच सकते हैं।

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इस तरह के मामले में नहीं होता विवाद

दरअसल कई बार होता है जब परिवार के एक मुख्य का निधन हो जाता है और अगर उनके रहते वसीयत तैयार नहीं की गई तो इस समय में के बाद की स्थिति में विवाद की संभावना कम रहती है । बता दें कि अपने परिवार का मुखिया अपने बच्चों अथवा इस आत्माजन को इतनी संपत्ति देकर जाता है ऐसे में झगड़ा लड़ाई की स्थिति ना के बराबर होती है। संपत्ति पहले ही किसके हिस्से में क्या आया है यह तय कर लिया जाता है।

उत्तराधिकारी अधिनियम 1956 के तहत बांटे संपत्ति

यदि उत्तराधिकारी अधिनियम 1956 के तहत सहमति से संपत्ति का बंटवारा नहीं किया जाता है तो इस अधिनियम के तहत परिवार के मुखिया का निधन होने की स्थिति में उनकी संपत्ति का हकदार उत्तराधिकारी को मानते हैं। संपत्ति बंटवारे के संबंध में कई कानूनी समस्याएं उत्पन्न होती है। इस स्थिति में लोग आपसी सहमति और जानकारों की मदद से जमीन को उलझाने लेना पसंद करते हैं।

संपत्ति से जुड़ी कई बातें इस पर ध्यान देना जरूरी होता है। अभी वारिस यह देखना चाहिए की जमीन पर कोई कर लिया लेनदेन तो नहीं है। अगर ऐसी स्थिति बनती है तो सभी को मिलकर पहले उसे चुकाना चाहिए। इसी पर इसका बोझ ना पड़े इस कानून को अपनाने से पहले किसी एक्सपर्ट से जानकारी लेना चाहिए। हालांकि ग्रामीण इलाकों में लोग अमीन की मदद से जमीन का बंटवारा बराबर कर लेते हैं।

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