मध्यप्रदेश में भारी बारिश से खतरें में जनजीवन, इंदिरा सागर के 12, तवा बांध के 13 गेट खोले, सेल्फी के क्रेज में उफनती नदी में फंसे 4 युवक

मध्य प्रदेश में इस समय आफत की बारिश बरस रही है। प्रदेश भर के सभी जिलों में हो रही भीषण बारिश की वजह से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। बारिश की वजह से नर्मदा नदियों का जलस्तर बढ़ने के साथ ही नदी और नालों के साथ ही बांधों में पानी भर गया है जिसकी वजह से नहरों के जरिए इनका पानी छोड़ा जा रहा है। इसके अलावा कई जगह आलम यह है कि निचली बस्तियों के साथ ही कई गांव डूब गए हैं। ऐसे में ग्रामीणों को अपना आशियाना छोड़कर दूसरी जगह जाने को मजबूर होना पड़ रहा है। मध्य प्रदेश के खंडवा जिले की बात करें तो ओंकारेश्वर बांध के बाद इंदिरा सागर बांध के गेट भी खोल दिए गए हैं। 12 गेट खोल दिए हैं इससे 2000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है साथ ही बिजली बनाने के लिए टरबाइन भी चलाई जा रही है।

google news

इंदिरा सागर बांध के 12 गेट खोले

दरअसल मध्य प्रदेश में हो रही भीषण बारिश की वजह से आम जनता काफी परेशान हैं। जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो चुका है। आलम यह है कि लोग अपने घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। इसके अलावा कई गांव ऐसे हैं जो पानी की वजह से डूब चुके हैं। नर्मदा किनारे बसे गांवों को खाली कराया जा रहा है ।वहीं खंडवा जिले में स्थित ओंकारेश्वर बांध के गेट पहले ही खोल दिए गए हैं। इसके बाद रविवार को इंदिरा सागर बांध के 12 गेट खोले गए हैं जिससे 2000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है ।बिजली बनाने के लिए टरबाइन भी चलाई जा रही है। 1800 क्‍यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है ।इस प्रकार लगभग 3800 क्‍यूसेक पानी इंदिरा सागर बांध से छोड़ा जा रहा है।

ओंकारेश्वर बांध के खोल दिए 14 गेट

इसके अलावा भीषण बारिश की वजह से इंदिरा सागर बांध से पानी छोड़ दिया गया है और नर्मदा नदी में भी जलस्तर बढ़ चुका है। शनिवार को ओंकारेश्वर बांध में 14 गेट खोलकर नर्मदा नदी में छोड़ा जा रहा है। पानी घाटी क्षेत्र में लगातार हुई बारिश की वजह से जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। ध्यान देने बात यह है कि बांधों का जलस्तर मेंटेन करने के लिए पानी छोड़ा जा रहा है। अगर ऐसा नहीं किया जाता तो बांध के ऊपर से पानी जा सकता था। हालांकि बांध और नर्मदा किनारे बसे ग्रामीण क्षेत्रों में भी पानी भर चुका है।

इन गांवों को प्रशासन ने किया अलर्ट

एनएचपीसी ने बांधों के डाउन स्ट्रीम से बसे हुए जिला अधिकारियों को पहले ही सूचित कर दिया है। खरगोन, बड़वानी, खंडवा, देवास और धार जिलों में भी नर्मदा नदी किनारे बसे हुए गांव को अलर्ट कर दिया गया है ।इन गांवों के लोगों को किसी आपात स्थिति से निपटने के लिए सतर्क किया गया है। इसके अलावा प्रशासन रेवेन्यू के कर्मचारियों और होमगार्ड के जवान लगातार इन गांवों पर निगरानी बनाए बैठे हैं। अगर किसी भी तरह गांव में पानी आने की संभावना बनती है तो तुरंत इन गांवों को खाली करा दिया जाएगा ।

google news

खतरे के निशान से ऊपर बह रही नर्मदा

इसके अलावा ओंकारेश्वर बांध के 14 गेट खोलने के बाद खरगोन बड़वाह और महेश्वर समेत नर्मदा पट्टी में जलस्तर बढ़ गया है। ऐसे में नर्मदा में नहाने के लिए लोगों को मना कर दिया गया है। वहीं बड़वानी में नर्मदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है ।जलस्तर बढ़ने से राजघाट पुल पर आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया है। पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया है। वहीं राजघाट पर जल स्तर 123. 8 हो चुका है जबकि खतरे का निशान 130 मीटर है।

सेल्फी के क्रेज में उफनती नदी में फंसे 4 युवक

इसी तरह अगर हम बात करें नर्मदापुरम में तवा डैम की तो यह भी लबालब भर चुका है। यहां पर अचानक चार युवक पानी बढ़ने की वजह से फंस गए हैं ।बताया जा रहा है कि यह सभी सेल्फी लेने के शौक में डैम के पास नदी के चट्टान के पास पहुंचे थे तभी डैम के गेटों को छोड़े जा रहे पानी अचानक बढ़ने से युवक पानी के बीच फंस गए। चारों युवकों ने मदद के लिए आवाज लगाई युवकों की आवाज सुनकर तवा बांध देखने पहुंचे। ग्रामीणों ने सूझबूझ दिखाते हुए इन सुरक्षित बाहर निकाल लिया है ।करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद इन्हें बचाया गया है ।