मध्यप्रदेश में इस जगह विराजमान है खड़े स्वरूप में भगवान गणेश, मंदिर में धागा बांधने मात्र से पूरी होती है मनोकामना, जानिए 400 साल पुराने मंदिर का इतिहास
देशभर में 31 अगस्त गणेश चतुर्थी का पर्व शुरू होने जा रहा है। इस मौके पर सभी जगह भगवान गणेश की स्थापना पंडालों में की जाएगी ।बाजारों में भगवान गणेश की मूर्तियां आ गई हैं। हिंदू धर्म में किसी भी कार्य को करने से पहले भगवान गणेश की पूजा और आराधना करना शुभ माना जाता है। कहते हैं भगवान गणेश अपने भक्तों के लिए सदैव तैयार रहते हैं। रतलाम जिले में स्थित भगवान को काला गणेश की विशाल प्राचीन खड़े स्वरूप में प्रतिमा है जो भक्तों के हर शुभ कार्य को करने के लिए तत्पर रहते हैं ।ऐसे में यहां पर जो भी लोग जाते हैं और मन्नत का धागा बांधकर आते हैं उनकी मनोकामना पूरी होती है।
12 फीट के पत्थर पर उकेरी गई प्रतिमा
दरअसल देशभर में वैसे तो कई भगवान गणेश के मंदिर हैं, लेकिन रतलाम जिले में भगवान वाला गणेश की विशाल प्राचीन खड़े स्वरूप में प्रतिमा विराजमान हैं ।शहर के लोग भी अपने घर में हर मांगलिक कार्यक्रम में सर्वप्रथम ऊकाला गणेश को निमंत्रण देते हैं ।शादी के सीजन में जब शहर में लोग पत्रिका छपवाते हैं तो पहले भगवान गणेश को निमंत्रण देकर आते हैं। रतलाम जिले में ऊकाला गणेश की बहुत ही प्राचीन प्रतिमा है। यह प्रतिमा 12 फीट के पत्थर पर उकेरी गई हैं जो पूरे मालवा में एकमात्र गणेश जी की खड़ी प्रतिमा है।
मंदिर में धागा बांधने से पूरी होती है मनोकामना
रतलाम के लोग अपने घर में होने वाली शादी का पहला कार्ड ऊकाला गणेश जी को निमंत्रण देते हैं। इसके बाद ही शादी या अन्य मांगलिक कार्यक्रम होते हैं ।इस मूर्ति में भगवान गणेश के साथ रिद्धि सिद्धि नहीं है और इसलिए इस मंदिर में गणेश भगवान के ब्रह्मचारी और तपस्वी स्वरूप में पूजा की जाती है। गणेश उत्सव के दौरान यहां पर दूर-दराज से भक्तों पहुंचते हैं और भगवान के दर्शन कर मनोकामना का धागा बांधते है, वहीं जब लोगों की मनोकामना पूरी हो जाती है तो वापस इस मंदिर में आकर उस धागे को खोलते हैं।
400 वर्ष पुराना है ऊकाला गणेश मंदिर
एक प्राचीन मंदिर को लेकर कहा जाता है कि यह 400 वर्ष पुराना है। यहां बाहर प्राचीन बावड़ी भी है वो ऊकाला गणेश नाम को लेकर बताया जाता है। यहां गणेश की स्थापना के समय खोदे गए कुंड में से उबलता हुआ गर्म पानी निकला था इसीलिए इस स्थान के नाम व ऊकाला गणेश रखा गया ।इस मंदिर में प्राचीन शिव मंदिर जो खड़े विशाल गणेश प्रतिमा के ठीक पीछे हैं। इस मंदिर में बड़ी संख्या में भक्तों पहुंचते हैं। मंदिर के पुजारी की माने तो गणेश की आकर्षक स्वरूप के दर्शन के लिए मध्य प्रदेश के कई शहरों से श्रद्धालु पहुंचते हैं।