मोदी सरकार जल्द लेगी बड़ा फैसला, बढ़ सकती है रिटायरमेंट की उम्र, इन्हें मिलेगा ये लाभ

केंद्र की मोदी सरकार जल्दी ही सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों को खुशखबरी देने जा रही है। संभावना जताई जा रही है कि इस बार बार काउंसलिंग के पत्र के बाद संसद के शीतकालीन सत्र से पहले जजों की रिटायरमेंट की उम्र 22 साल बढ़ाई जा सकती है। केंद्र सरकार इस मामले में संसद में अध्यादेश लेकर आ सकती है और फिर इस पर बड़ा फैसला ले सकती है। अगर ऐसा होता है तो सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों को काफी राहत मिलेगी और उनकी रिटायरमेंट की उम्र और अधिक बढ़ जाएगी।

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जजों के रिटायरमेंट की उम्र में होगी इतनी बढ़ोतरी

इस समय केंद्रीय कर्मचारियों की बात करें 60, 62 और 65 वर्ष की उम्र में रिटायर हो जाते हैं। हाई कोर्ट के जज के रिटायरमेंट की उम्र 62 साल और सुप्रीम कोर्ट के जज की उम्र 65 साल होती है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो केंद्र की मोदी सरकार संसद के शीतकालीन सत्र के पहले हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने पर कोई बड़ा फैसला ले सकती है। संविधान के अनुच्छेद 124 दो और 217 एक में संशोधन किया जा सकता है। हालांकि अभी तक सरकार की तरफ से कोई पुष्टि आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन अगर ऐसा होता है तो रिटायरमेंट की उम्र में 2-2 साल का विस्तार हो सकता है।

चीफ जस्टिस यूयू ललित को मिल सकता है लाभ

सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान में चीफ जस्टिस यूयू ललित है। जिन्हें रिटायरमेंट की बढ़ोतरी का लाभ मिल सकता है। मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यकाल 8 नवंबर तक है। अगर रिटायरमेंट में वृद्धि होती है तो इनका कार्यकाल बढ़कर 8 नवंबर 2020 तक हो सकता है। हाल ही में इस संबंध में बार काउंसलिंग भी सरकार को एक पत्र लिख चुकी है। बार काउंसलिंग ऑफ इंडिया उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों को रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाकर 65, 67 साल करने के लिए संविधान में संशोधन की मांग को प्रस्ताव पास करने की बात कही गई थी।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के रिटायर चीफ जस्टिस एनवी रामना और अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने भी आयु सीमा बढ़ाने की बात कही थी। एक बार फिर रिटायरमेंट की आयु सीमा को लेकर संशोधन किया गया है। 1963 में अनुच्छेद 217 1 में 114 वां संविधान संशोधन किया गया था। इसमें हाईकोर्ट के जजों की सेवानिवृत्ति आयु सीमा 60 से बढ़ाकर 62 साल की गई थी। 2010 में हाईकोर्ट जजों की रिटायरमेंट की आयु सीमा 65 वर्ष करने के लिए फिर अनुच्छेद 200 संशोधन बिल लाया गया था, लेकिन लोकसभा का सत्र खत्म होने के बाद इसे रद्द कर दिया गया था और अब ऐसा लग रहा है कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों की रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाई जा सकती है।

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