देश में आज से शुरू हुए पितृ पक्ष, पितरों को रखना है प्रसन्न तो भूलकर भी नहीं करें ये काम

देशभर में 10 सितंबर यानी शनिवार से श्राद्ध पक्ष की शुरुआत हो चुकी है। इस दौरान पितरों का पिंडदान और तर्पण किया जाता है, इसलिए इन दिनों में कुछ कार्य करना भी अच्छा नहीं होता है। कहा जाता है कि अगर इस वक्त में इन कामों को किया जाए तो हमारे पितरों को काफी कष्ट होता है। आज से पितृपक्ष की शुरुआत हो चुकी है ।ऐसे में कई जगह लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करते हैं। ऐसा करना शुभ माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार पितरों की पूजा करने से व्यक्ति की कुंडली में लगे कई दोष दूर हो जाते हैं और उन्हें उनके पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।

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पितृ पक्ष में कुछ नियमों का पालन करना जरूरी

देशभर में श्राद्ध पक्ष की शुरुआत हो चुकी है और ऐसे में पितरों का पिंडदान और तर्पण किया जाता है। कहा जाता है कि अगर ऐसा किया जाए तो उनके पितरों की आत्मा को शांति होती है। इसीलिए पिंडदान व तर्पण करना काफी शुभ माना जाता है। वहीं पितरों की पूजा करने से उस व्यक्ति के कुंडली में लगे सारे दोष दूर हो जाते हैं। 10 सितंबर से पितृपक्ष शुरू हो गए हैं जो कि 25 सितंबर तक चलेंगे। ज्योतिष शास्त्र की माने तो महा के दौरान कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है। अगर आप इसका पालन नहीं करेंगे तो आपके पितरों को काफी कष्ट होगा।

इस तरह का काम करने से बचना चाहिए

पितृपक्ष के दौरान जिन कामों को नहीं करना चाहिए उनके बारे में हम आपको बता रहे हैं। सबसे पहले लोहे से बने बर्तनों का बिल्कुल भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए ।पितृपक्ष के दौरान अगर आप अपने पितरों को भोजन परोसते हैं तो लोहे के बर्तनों का इस्तेमाल करने से वहां गुस्सा हो जाते हैं। इसकी वजह से परिवार की सुख शांति सौभाग्य परपुरा असर होता है।

भूलकर भी पितृपक्ष में नहीं खरीदें नई वस्तु

वहीं श्राद्ध पक्ष के दौरान शास्त्रों की माने तो नई वस्तु नहीं खरीदनी चाहिए, क्योंकि यह मास पूरा अशुभ माना जाता है। इसीलिए पितृपक्ष के दौरान किसी भी तरह की नई वस्तु नहीं खरीदी जाती है। वहीं पितृपक्ष के दौरान जब आप भोजन खाते हैं तो उस समय लहसुन प्याज व अन्य चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए, बल्कि तामसिक भोजन करना चाहिए। इन दिनों में तामसिक भोजन करने से कई तरह के दोषों का शिकार हो जाते हैं। वहीं इस दौरान अगर कोई व्यक्ति पितरों का श्राद्ध कर रहा है तो उसे अपने शरीर में तेल नहीं लगाना चाहिए इसके साथ ही बाल और दाढ़ी नहीं कटवाने चाहिए।

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इस तरह का काम करना बेहद शुभ

पितृपक्ष के दौरान पितरों के नाम का जप तापुर दान का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिनों में अमन और शांति और संयम रखना जरूरी है। इसलिए पितृपक्ष के दौरान ब्रह्मचारी का पूरा पालन करना चाहिए।

हालांकि इस लेख में लिखी गई सामग्री, गणना की सटीकता या विश्वनियता कि हम जवाबदारी नहीं लेते हैं ।विभिन्न माध्यमों, ज्योतिषियों, पंचांग, प्रवचनों, मान्यताओं और धर्म ग्रंथों से संगठित कर यह जानकारियां आप तक पहुंचाई गई है। हमारा उद्देश्य महेश सूचना पहुंचाना है इसके उपयोग करता इसे महज सूचना समझकर ही ले।