ये हैं मध्यप्रदेश की राजधानी के 5 पर्यटक स्थल, जहां कला से लेकर झीलों तक सबकुछ है बेहद खास, घूमने पर पूरा पैसा होगा वसूल

मध्यप्रदेश में कई तरह के धार्मिक स्थल होने के साथ ही पर्यटक स्थल भी है, जहां पर छुट्टियों के दिनों में लोग प्रकृति का आनंद लेने पहुंचते हैं, लेकिन बारिश के मौसम में इसका आनंद और भी मनमोहक हो जाता है। ऐसे में हम आपको राजधानी भोपाल के आसपास के इलाकों में कुछ ऐसे धरोहर के बारे में बताने जा रहे हैं। इसको देखने के लिए लोग दूर-दूर से पहुंचते हैं। देश और दुनिया के पर्यटक इन धरोहरों को देखने के लिए पहुंचते हैं। अगर आप भोपाल और उसके आसपास घूमना चाहते हैं तो आपको पांच बड़े पर्यटक स्थल के बारे में बताने जा रहे हैं। इनमें प्राकृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल भी शामिल है।

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वन विहार राष्ट्रीय उद्यान

ये है वन विहार राष्ट्रीय उद्यान

दरअसल मध्यप्रदेश में वैसे कई ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक स्थल हैं। जिनमें राजधानी भोपाल के आसपास कुछ ऐसे पर्यटक स्थल हैं, जहां पर घूमने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। इनमें से एक वन विहार राष्ट्रीय उद्यान बड़े पर्यटन स्थलों में से एक माना जाता है। यहां पर शाही, लकड़बग्घा, ब्लू बुल, सांभर, चीतल और काला हिरण जैसे कई जानवर मिल जाएंगे। यह जगह एडवेंचर और प्राकृतिक प्रेमियों में काफी लोकप्रिय मानी जाती है। भोपाल का वन विहार राष्ट्रीय उद्यान मंगलवार के दिन बंद रहता है, लेकिन सप्ताह के बाकी दिन खुला रहता है। वन विहार राष्ट्रीय उद्यान का खुलने का समय सुबह 6:30 बजे से शाम 6:30 बजे तक का है ।

सांची स्तूप

सांची स्तूप

इसके अलावा भोपाल में एक और अच्छा पर्यटक स्थल है जो कि भोपाल से करीब 50 किलोमीटर दूर पर स्थित सांची स्तूप है। इस महास्तूप को यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित कर दिया है। इसके साथ ही तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में सम्राट अशोक के शासनकाल में इसे तैयार किया गया था ।यहां देश के सबसे बुद्ध स्मारकों में से एक माना जाता है। वहीं गौतम बुद्ध के अवशेषों को देश में कई अलग-अलग जगह पर प्रचार प्रसार के लिए रखा गया है। सांची स्तूप रोजाना सुबह 6:00 बजे से शाम 6:30 बजे तक खुला रहता है। वहीं यहां पर घूमने आने वाले लोगों से 30 रुपये और विदेशी नागरिकों से 500 रुपये की टिकट ली जाती है।

भीमबेटका गुफाएं

भीमबेटका गुफाएं

इसके अलावा अगर हम बात करें राजधानी भोपाल में 45 किलोमीटर दक्षिण में स्थित भीमबेटका गुफाएं की तो यह 30 हजार साल से अधिक पुरानी है। भीमबेटका नाम को देखते हुए इसे महाभारत के पात्र भीम से भी जोड़ा गया है। हजारों साल पहले के इंसानों द्वारा बनाए गए शैल चित्रों से प्रसिद्ध है। इन गुफाओं में बने चित्रों को पूरा पाषाण काल से मध्य पाषाण काल के समय का माना जाता है। वहीं यहां भारतीय उपमहाद्वीप में मानव जीवन के प्राचीनतम चिन्हों में से एक हैं। यहां पर पर्यटक सुबह 7:00 बजे से शाम 6:00 बजे के बीच घूम फिर सकते हैं। यहां पर भारतीय नागरिकों से 10 रुपये और विदेशी नागरिकों से 100 रुपए की टिकट ली जाती है।

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ट्राइबल म्यूजियम

ट्राइबल म्यूजियम

इसके अलावा राजधानी भोपाल का सबसे प्रसिद्ध स्थानों में से एक ट्राइबल म्यूजियम है। जिसमें लगे चित्र और वास्तुकला आपको आदिवासी जीवन के बारे में समझाने में काफी मददगार साबित होते हैं। इसमें मध्य प्रदेश की जनजातियों के जीवन देशज ज्ञान कला परंपरा और सौंदर्य बोध का विशेष ध्यान दिया गया है। यहां संग्रहालय में अलग-अलग कला और शिल्प माध्यमों से जड़वाए हैं। इसके अलावा खेल संस्कृति और जनजाति जीवन की झलक उनके परिवेश व अन्य चीजें देखने को मिलती है। यहां पर घूमने के लिए 20 रुपये भारतीय नागरिकों से टिकट और विदेशी नागरिकों से 400 रुपये का टिकट लिया जाता है।

बिरला संग्रहालय

बिरला संग्रहालय

इसके अलावा राजधानी भोपाल में बिरला संग्रहालय भी है जहां पर भगवान शिव और पार्वती का पवित्र मंदिर और एक लक्ष्मी नारायण मंदिर भी है। भोपाल के अरेरा हिल्स में स्थित यह संग्रहालय सुबह 10:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक खुला रहता है ।इसमें भारतीय नागरिकों से 5 रुपये और विदेशी नागरिकों से 50 रुपये का टिकट लिया जाता है।