कैबिनेट के विस्तार के बाद MP में सियासत तेज, जाने क्या है वजह!

भोपाल : मध्यप्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बीच रविवार को शिवराज सरकार द्वारा कैबिनेट का विस्तार कर दिया गया जिसमें एक बार फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को मंत्री पद दे दिया गया है। लेकिन अभी भी 4 सीट खाली है जिनको लेकर सियासत तेज हो गई है। बता दें कि प्रदेश में हुई उपचुनाव के 53 दिन बाद कैबिनेट का विस्तार किया गया।

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कैसे बनी उपचुनाव की स्थिति
दरअसल, कांग्रेस के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और पार्टी के बीच चल रही अनबन के दौरान सिंधिया ने कांग्रेस को छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया था। जिसके बाद उनके साथ ही समर्थक 22 विधायकों ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया था। जिसके बाद से ही प्रदेश में चुनाव के हालात पैदा हो गए थे। वहीं प्रदेश में हुई दोबारा उपचुनाव में बीजेपी ने एक बार फिर जीत हासिल करते हुए शिवराज सिंह चौहान को चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलवाई गई।

वहीं जब शिवराज सिंह चौहान ने पहली बार जब कैबिनेट का विस्तार किया था, तब 5 मंत्रियों ने शपथ ली थी इसमें गोविंद सिंह राजपूत और तुलसी सिलावट शामिल थे, लेकिन 6 महीने के अंदर चुनाव नहीं हुए तो दोनों नेताओं को इस्तीफा देना पड़ा

4 सीट अभी भी खाली
जिसके बाद प्रदेश में हुए विधानसभा की 28 सीटों पर दोबारा उपचुनाव में सिंधिया समर्थक नेताओं ने चुनाव लड़ा। लेकिन इसमें सिंधिया खेमे को तीन मंत्री इमरती देवी, गिर्राज दंडोतिया और एंदल सिंह कंषाना को हार का सामना करना पड़ा था। जिसके चलते उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। इस तरह 5 मंत्री पद खाली हो गए थे और एक मंत्री पद पहले से ही खाली था। इस तरह से कुल शिवराज कैबिनेट में कुल 6 मंत्री पद खाली थे, लेकिन रविवार को महज दो ही विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है।

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