मूंगफली तेल की फिर बढ़ जायेगी कीमत, मूंगफली का स्टॉक घटने और फसल कम होने से ​तेजी के आसार

देश में लगातार महंगाई बढ़ती जा रही है। इसी बीच अब खाद्य तेल की कीमत में और भी उछाल देखने को मिल सकता है ।हालांकि कुछ दिनों पहले सोया तेल में गिरावट देखने को मिली थी, लेकिन देश में मूंगफली की कमी होने की वजह से तेल की कीमतों में भारी उछाल देखने की संभावना जताई जा रही है। गुजरात में मूंगफली का सरकारी स्टाफ 1.5 लाख टर्न से कमजोर है ।जिसकी वजह से कुछ दिनों में मूंगफली तेल सातवें आसमान पर पहुंच जाएगा ।कई जगह पर मूंगफली का स्टॉक खत्म हो चुका है कई जगह मूंगफली की नई फसल भी आ चुकी है ।लेकिन हर साल के मुताबिक इस साल मूंगफली की फसल कम हुई है जिससे तेल में भारी उछाल देखने को मिलेगा।

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इस साल मूंगफली की फसल हुई कम

दरअसल देश में लगातार महंगाई बढ़ती जा रही है ।अगर मध्य प्रदेश की बात करें तो यहां पर सोया तेल में गिरावट हुई थी ,लेकिन अब मूंगफली तेल में उछाल देखने को मिल सकता है। खाद्य तेलों का भाव उछलकर एक नई ऊंचाई पहुंच सकता है। खासकर मूंगफली तेल का भाव बढ़ने के आसार जताए जा रहे हैं। किसानों के पास मूंगफली का स्टॉक खत्म हो गया है। यहां तक कि राज्य सरकार के पास 1.50 लाख तक मूंगफली का स्टॉक बचा हुआ है। नवंबर में मूंगफली का नए माल की जोरदार आवक होने के बावजूद इसके तेल की कीमतों में ज्यादा गिरावट नहीं हुई है। इस बार फसल भी कम लगाई गई है। तिलहनी फसलों की बुवाई चालू खरीफ में घटकर 77. 8000000 हेक्टेयर में ही हो पाई है।

जानिए कितनी हुई तिलहनों की बुबाई

अगर तिलहनों की बात करें तो पिछले साल की समय अवधि के 97.56 लाख हेक्टेयर से कम रह गई है। मूंगफली की बुवाई चालू खरीफ में 20.51 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की 54.43 लाख हेक्टेयर में और सनफ्लावर की 1.16 लाख हेक्टेयर में ही बुआई हो पाई है। यानी पिछले साल के मुकाबले इस बार कम ही हो पाई है। ऐसे में लग रहा है कि तेलों के दाम लगातार बढ़ते जाएंगे

मलेशिया के जून के अंत में पाम तेल का अंतिम स्टाक कितने महीने से 8.76% बढ़कर 1.66 मिलियन टन हो गया। उद्योग नियामक मलेशिया पाम आयल बोर्ड के आंकड़ों ने मंगलवार को दिखाया ।एमपीओबी ने कहा कि कच्चे पाम तेल का उत्पादन मई से 5.76% बढ़कर 1.55 मिलियन टन हो गया है। हालांकि जो भी हो लेकिन अब मूंगफली और सोयाबीन के तेल में फिर से उछाल देखने को मिलेगा।

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