मध्यप्रदेश की महिलाओं के हौंसलों को सलाम, 34 साल बाद फिर थामी हॉकी स्टिक, 5 दिन की तैयारी में बनाई सेमीफाइनल में जगह

मध्य प्रदेश में महिलाओं में प्रतिभा की कमी नहीं है। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसी महिलाओं के बारे में बताने जा रहे हैं। जिन्होंने 34 साल बाद अपने हाथ में हॉकी स्टिक थामी है और 5 दिन पहले टूर्नामेंट के लिए तैयारी की ।इसके बाद ऐसा प्रदर्शन किया कि अब मध्य प्रदेश की हॉकी टीम सेमीफाइनल में पहुंच गई है। इस खेल में महिलाओं की उम्र 55 साल जरूर है, लेकिन हॉकी के प्रति उनका जुनून देखने लायक है। इन महिलाओं की स्पोर्ट कोटे से नौकरी लग गई तब से ही उन्होंने अपनी हॉकी स्टिक को खूंटी में टांग​ दिया था, लेकिन जब इन्हें एक मौका और मिला तो फिर से सालों से खूंटी पर टंगी हॉकी स्टिक को हाथों में थाम कर मैदान संभाल लिया है।

google news

55 साल की महिलाए हॉकी में दिखा रही दम

दरअसल अखिल भारतीय सिविल सेवा हॉकी प्रतियोगिता राजधानी भोपाल के मेजर ध्यानचंद हॉकी स्टेडियम में खेली जा रही है। इस प्रतियोगिता में अब मध्य प्रदेश की महिला हॉकी टीम सेमीफाइनल में पहुंच चुकी है। इसमें महिलाओं का प्रदर्शन बहुत ही शानदार रहा है। इस प्रतियोगिता में खेल रही महिलाओं की उम्र 55 साल है, लेकिन इनका जुनून और जज्बा देखने लायक है। 2021 में महिला हॉकी को सिविल सेवा में जोड़ा गया ।वहीं महामारी के वक्त प्रतियोगिता को स्थगित कर दिया गया। 34 साल बाद इन महिलाओं ने फिर से हॉकी स्ट्रिक थामी और प्रतियोगिता के सेमीफाइनल में जगह बनाई है।

5 दिन की तैयारी में सेमीफाइनल में बनाई जगह

इन महिलाओं की बात करें तो 1986-87 में स्पोर्ट्स कोटे से नौकरी लग गई थी तभी से उन्होंने अपनी हॉकी स्ट्रीक खूंटी में टांग दी थी, क्योंकि सिविल सेवा की प्रतियोगिता में हॉकी शामिल नहीं था। इसके बाद भी यह महिलाएं अन्य खेलों में मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर रही थी, लेकिन 2021 में महिला हॉकी को सिविल सेवा में जोड़ा गया। इसके बाद फिर से इन महिलाओं ने हॉकी स्ट्रिक को खूंटी से उतारकर हाथों में थाम लिया और 5 दिन पहले इस टूर्नामेंट की तैयारी की और अब सेमीफाइनल में जगह बना ली है। हालांकि इन महिलाओं को अन्य टीमों के खिलाड़ियों से उम्र के लिहाज में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा था।

मीडिया के सामने साझा किए अपने अनुभव

मध्य प्रदेश की टीम में शामिल इन महिलाओं को कोच मोइनुद्दीन कुरैशी ने ट्रेनिंग देकर तैयार किया था। अब इन महिलाओं ने मीडिया के सामने अपना अनुभव साझा किया है ।मीडिया के समक्ष बरखेड़ी के सीएम राइस स्कूल में पदस्थ लूसी अल्फांसो ने कहा कि उनके जमाने में एस्ट्रो टर्क नहीं थे। पहली बार एस्ट्रोटर्फ में खेलना उनका अच्छा अनुभव रहा है। 6 महीने बाद ही रिटायर हो रही हूं टीम को सभी मेंबर्स पुरानी दोस्त हैं ।इसलिए एक बार फिर से उनके साथ खेलना चाहती हूं। उन्होंने बताया कि उन्हें डायबिटीज और शुगर दोनों है लेकिन इसके बावजूद भी खेल में पीछे नहीं हटी है।

google news

इसके साथ ही वन विभाग में लेखापाल सरिता श्रीवास्तव ने कहा हमारी टीम के सदस्य 1987 में पोस्टेड हुए थे। नौकरी में आने के बाद हॉकी पीछे छूट गया था। 34 साल बाद मध्य प्रदेश के लिए दोबारा हॉकी खेलना हमारे लिए बड़ी बात है। इसके साथ ही शिक्षक व उत्कृष्ट खिलाड़ी नंदा शर्मा ने कहा वहां 35 साल से नौकरी कर रही है। हालांकि वहां नेशनल प्लेयर रही है, लेकिन नौकरी के बाद हॉकी छूट गई थी। इस टूर्नामेंट के लिए 15 दिन की छुट्टी मिली है। कई बार प्रैक्टिस के दौरान चुनाव के काम भी करने पड़ते हैं।