मध्यप्रदेश के उज्जैन महाकाल मंदिर में भस्म आरती में भाग लेने वालों को झटका, बंद हुई ये बड़ी सुविधा
मध्य प्रदेश की विश्व प्रसिद्ध नगरी उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल की भस्म आरती की जाती हैं। सुबह 4 बजे होने वाली भस्मा आरती में बड़ी संख्या में भक्तों पहुंचते हैं, लेकिन भस्मा आरती में शामिल होने वाले भक्तों को अब बड़ा झटका लगा है। दरअसल भस्म आरती के लिए भक्त 1300 रुपए देकर तत्काल बुकिंग कराने वाली विशेष सुविधा को बंद कर दिया गया है। इससे बाहर से आकर भस्म आरती में भाग लेने वाले भक्तों को बड़ा झटका लगा है।
महाकाल भस्माआरती में तत्काल बुकिंग सेवा बंद
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में हर दिन बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते हैं। सुबह 4 बजे होने वाली भस्मा आरती में सैकड़ों लोगों का हुजूम देखने को मिलता है। दूरदराज से कई भक्तों बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में 1300 रुपए देकर तत्काल बुकिंग कराकर भस्म आरती में शामिल होने वाले भक्तों को बड़ा झटका लगा है। इस व्यवस्था को महाकाल प्रबंधन की तरफ से बंद कर दिया गया है। जानकारी मिली है कि अब महाकाल मंदिर में भस्म आरती दर्शन के लिए भक्तों को मंदिर की वेबसाइट पर दर्शन की ऑनलाइन बुकिंग करानी होती है। समिति ने ऑनलाइन बुकिंग के लिए 400 सीटें आरक्षित रखी है। प्रतिदिन सुबह 8 बजे से मंदिर कार्यालय के पास काउंटर पर 250 भक्तों को अनुमति भी दी जाती है।
1100 रुपए देकर तत्काल बुकिंग की बनाई थी योजना
पुजारी पुरोहित के यजमान के साथ-साथ प्रोटोकाल के तहत अन्य विभागों को अलग-अलग कोटा दिया गया है। भस्म आरती बुकिंग 200 रुपए से होती है। मंदिर प्रबंधन ने बाहर से आकर भस्म आरती में भाग लेने वाले लोगों के लिए 1100 रुपए दान देकर तत्काल सुविधा देने की योजना बनाई थी। कुछ महीने काम हुआ 30-40 भक्तों को रोज इसके तहत भस्मा आरती में भाग लेने की अनुमति दी गई। अब यह सुविधा कुछ दिनों के लिए बंद कर दी गई है। इस संबंध में प्रशासनिक स्तर पर किसी भी तरह की जानकारी सामने नहीं आई है। अधिकारियों ने कुछ भी जवाब नहीं दिया है।
बाबा महाकाल की भस्म आरती में शामिल होने के लिए दूरदराज से बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते हैं, लेकिन जब उन्हें भस्मा आरती में शामिल होने को नहीं मिलेगा तो उन्हें खासी परेशानियों का सामना भी करना पड़ेगा ।हालांकि अभी तक इस पर किसी भी तरह की प्रदर्शनी जानकारी सामने नहीं आई है। जब मीडिया ने इस मामले में अधिकारियों ने भी उनसे बात करने की कोशिश की तो उनका किसी भी तरह का जवाब नहीं मिला है।