इंदौर के इस मॉडल को पूरे देश में करेंगे लागू, सरकार ने बनाई 20 हजार करोड़ की योजना, जानिए कैसे मिलेगा लाभ

मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी और देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर को एक के बाद एक सौगात मिल रही है। इंदौर शहर का नाम देश ही नहीं बल्कि दुनिया में भी शुमार है। इसी बीच अब केंद्र कि मोदी सरकार ने 200000000 में पब्लिक ट्रांसपोर्ट मॉडल इंदौर के लिए योजना बनाई है, जिसका ड्राफ्ट फाइनल हो चुका है। पीएमओ की मंजूरी के बाद इसे कैबिनेट में पेश किया जाएगा। इस योजना के तहत देश के 108 शहरों को 100-100 बसों के लिए फंड दिया जाएगा।

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108 शहरों को 100-100 बसों के लिए मिलेगा फंड

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इंदौर शहर पब्लिक ट्रांसपोर्ट मॉडल योजना पर काम कर रहे हैं। ऐसे में जल्दी ही केंद्र सरकार की तरफ से इस योजना के तहत 108 शहरों को 100-100 बसों के लिए फंड दिया जाएगा। वहीं बसें खरीदने के लिए पहले सरकार की तरफ से राशि दी जाती थी। इस बार इंदौर के मॉडल को आदर्श मानते हुए ऑपरेशन कास्ट में होने वाली घाटे की राशि का बहन सरकार की तरफ से किया जाएगा। भारत सरकार के सचिव मनोज जोशी और अपर सचिव डॉ. सुरेंद्र बागड़ी ने इंदौर के पब्लिक ट्रांसपोर्ट मॉडल की स्टडी की है और विस्तृत रूप से उन्होंने मॉडल को समझा है।

2006 में हुआ था अटल सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज का गठन

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 2006 में इंदौर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था संभालने के लिए अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज का गठन किया गया था। कंपनी की ओर से पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर बसें चलाई जा रही है। सिस्टम पर लोगों को भरोसे का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि 2012 में 40000 लोग यात्री यात्रा करते थे। आज यह संख्या ढाई लाख को पार कर चुकी है। यानी कि इन बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों ने इस सुविधा पर विश्वास जताया है और ऐसे में यह आज लोगों के लिए काफी फायदेमंद भी साबित हुई है।

400 सीएनजी बसों के लिए तैयार किए मॉडल

इस समय 400 सीएनजी बसों के लिए तैयार किए गए मॉडल में एआईसीटीएसएल बस प्रति किमी 90 पैसे की आमदनी कर रहा है। अपर सचिव डॉ सुरेंद्र बागड़ी का कहना है कि 108 शहरों को नई बसें देने की स्कीम का ड्राफ्ट भी तैयार कर लिया गया है और इससे जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी भी मिल जाएगी। बस संचालन और रेवेन्यू कलेक्शन के लिए दो अलग-अलग एजेंसी भी नियुक्त कर रखी है। बस ऑपरेटरों के रेट फिक्स कर दिए गए हैं कि उन्हें प्रति किमी बस चलाने के लिए प्रति किमी 31.50 रुपए देंगे। टिकट कलेक्शन के लिए एजेंसी से 32.40 रुपए प्रति किमी लिए जा रहे हैं। इससे 7 साल में 16.32 करोड रुपए का मुनाफा एआईसीटीएसएल को हुआ है।

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इंदौर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने जानकारी देते हुए कहा कि भारत सरकार के सचिव और अपर सचिव इंदौर के पब्लिक ट्रांसपोर्ट मॉडल की स्टडी कर ली है ।उन्हें बस संचालन में मुनाफा ही हुआ है। एआईसीटीएसएल के संचालन में निगम का कोई खर्च नहीं आता है। वहीं यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के लिए इस बार के बजट में 200000000 का प्रावधान भी किया जाएगा।