शुभम ने यूपीएससी के लिए 5 साल नहीं देखी फिल्म, सोशल मीडिया से बनाई दूरी तब कहीं जाकर बने आईएएस

यूपीएससी क्लियर करने का सपना हर युवा संजोय बैठा है, लेकिन इसे पास करना काफी मुश्किल है, लेकिन अगर एक सही रणनीति हो तो इस परीक्षा को पास करना ज्यादा मुश्किल नहीं है। यूपीएससी परीक्षा पास करने के लिए कई युवा दिन रात मेहनत करते हैं तब कहीं जाकर सफलता मिल पाती है। ऐसे में अब यूपीएससी टॉपर शुभम कुमार की कहानी बताने जा रहे हैं। जिन्होंने इस परीक्षा को पास करने के लिए अपने सुख को छोड़कर दिन रात मेहनत की तब कहीं जाकर उन्हें सफलता मिल पाई है।

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यूपीएससी के लिए 5 साल नहीं देखी फिल्म

दरअसल हम बात कर रहे हैं यूपीएससी परीक्षा में टॉप कर आईएएस पद हासिल करने वाले शुभम कुमार की जिन्होंने कड़ी मेहनत और परिश्रम के बाद आईएएस पद हासिल किया है। उनका कहना है यूपीएससी की तैयारी के लिए उन्होंने अपना सुख छोड़ दिया। यहां तक की दिन रात मेहनत करते थे। इतना ही नहीं इसके लिए उन्होंने 7 साल की तैयारी के लिए 5 साल तक एक भी फिल्म नहीं देखी है। उन्होंने इस परीक्षा को पास करने के लिए पूरा जीवन दान में दे दिया उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि शुरू से उन्होंने एक सामान्य स्टूडेंट की तरह महंगी कोचिंग क्लास ज्वाइन की थी और तब जाकर कड़ी मेहनत के बाद उन्हें सफलता हाथ लगी है।

सोशल मीडिया से दूरी बना ली

यूपीएससी की परीक्षा के लिए उन्होंने एक रणनीति बनाकर पढ़ाई की है। पहले 6 महीने तक उन्होंने इसकी तैयारी के लिए कोचिंग क्लास ज्वाइन की है, लेकिन इसके बाद उन्होंने कोचिंग छोड़कर सेल्फ स्टडी करना शुरू किया। उनका कहना है कि वहां सही स्टडी मटेरियल की बहुत अधिक आवश्यकता होती है। इसके बाद उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा। इसके बाद इंटरनेट का सहारा लिया। वहां से उन्हें कई सारी चीजें मिली। शुभम ने न्यूज़पेपर का ऑनलाइन सब्सक्रिप्शन भी लिया। इसके बाद उन्होंने ईमानदारी से यूपीएससी की तैयारी की ।इसके साथ ही शुभम ने सोशल मीडिया से दूरी बना ली थी ।उनका कहना है कि कभी भी उन्होंने सोशल मीडिया पर अकाउंट नहीं बनाया। यूपीएससी में सफलता के बाद उन्होंने अभी ट्विटर पर अकाउंट ओपन किया है जिससे वहां ऑपरेट करते हैं।

7-8 घंटे तक शुभम ने की पढ़ाई

शुभम बताते हैं कि दिल्ली में वहां अपने दोस्त के साथ रहते थे और इस परीक्षा के लिए हर रोज 7 से 8 घंटे तक पढ़ाई किया करते थे। वहां हर विषय की तैयारी पूरी ईमानदारी के साथ करते थे। हर सब्जेक्ट को सामान समय दिया करते थे। एक रूटीन भी उन्होंने बनाया था उनका कहना है कि प्रिय और मेंस की तैयारी हर विद्यार्थियों को साथ में करनी चाहिए। उन्होंने ऐसा ही किया दोनों की तैयारी एक साथ की है जिससे परीक्षा में सफल होने के चांस बढ़ जाते हैं।

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2018 में शुरू की थी तैयारी

शुभम का कहना है कि उन्होंने बचपन में ही आईएएस बनने का सपना देख लिया था। 2018 से इसकी तैयारी शुरू की थी दिल्ली आकर इस परीक्षा की तैयारी में लग गए। शुभम के माता-पिता हर समय उनके साथ रहे। उन्होंने कहा कि उनकी सफलता के पीछे अगर सबसे ज्यादा हाथ उनके माता-पिता का है इसके अलावा उनके टीचरों का भी बड़ा योगदान रहा है। वहां जिस गांव से ताल्लुक रखते हैं। वहां काफी पिछड़ा इलाका है। अगर शुभम के पर्सनल ही जीवन की बात करें तो उन्हें वॉलीबॉल और टेनिस खेलना काफी पसंद है। फिल्में देखने का शौक बिल्कुल भी नहीं है इसके अलावा उनकी कोई भी मूवी ना ही कोई हीरो या हीरोइन फेवरेट है।