फेक न्यूज़ चलाने वाले सावधान! भारत सरकार ने सोशल मीडिया पर लगाम लगाने के लिए उठाया ये कदम, जानिए नए नियम

इस समय फेक न्यूज़ के माध्यम से लोगों को भ्रमित किया जा रहा है ।ऐसे में सोशल मीडिया पर चल रही फेक न्यूज़ को रोकने के लिए अब सरकार की तरफ से बड़ा कदम उठाया जा रहा है। फेक न्यूज़ की वजह से सरकार काफी परेशान हो गई है। इसे रोकने के लिए अब एक बड़ा कदम उठाने को लेकर संसद में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने काफी महत्वपूर्ण जानकारी दी है। जिसके बाद अब सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की कोई फेक न्यूज़ अगर पाई जाती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने दी ये जानकारी

राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में बताया सोशल मीडिया कंपनियां अपने यूजर्स को स्वेच्छा से अपने अकाउंट वेरीफिकेशन करने का अवसर दे रही है। इस समय देखा जाता है कि बिना वेरीफाई के सोशल मीडिया पर कई चैनल चल रहे हैं जिनके माध्यम से फेक न्यूज़ चलाई जा रही है। इन फेक न्यूज़ की वजह से लोग भ्रमित हो रहे हैं। ऐसे में सरकार इसे रोकने के लिए अब बड़ा कदम उठाने जा रही है। राज्य मंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया पर चल रहे यह प्लेटफार्म यूजर्स को अपने मापदंडों के आधार पर ही वेरीफाई करके वेरिफिकेशन मार्ग में प्रदान करें। उनके अकाउंट पर दिखाई दे सके। इसलिए पता चल सकेगा कि आखिर वो अकाउंट किस व्यक्ति का है।

अभी तक आपने देखा है कि ट्विटर फेसबुक और इंस्टाग्राम पर ब्लू टिक लगा रहता है। ऐसा ही कुछ व्यक्तियों के अकाउंट पर भी किया जा रहा है। ऐसे में यह अकाउंट अब फेक न्यूज़ नहीं चला पाएंगे और उन्हें अपना वेरिफिकेशन करवाना आवश्यक हो गया है ।इसके लिए राज्य मंत्री चंद्रशेखर ने स्पष्ट कर दिया है। सरकार फेक न्यूज़ गलत सूचना है और इससे यूजर्स को हो रही हानि व आपराधिकता से बढ़ते खतरों व अन्य से भलीभांति परिचित है ।इसलिए सरकार संप्रभुता और अखंडता से जुड़े अपराधों को रोकने के लिए उनकी जांच के साथ इस प्रकार के कार्यों में लिप्त लोगों को सजा के प्रयोजन में कार्य कर रही है।

2021 को अधिसूचित कर दिया

केंद्र सरकार के द्वारा अपने देश के यूजर्स के लिए सूचना प्रौद्योगिकी नियम 2021 को अधिसूचित कर दिया गया है। जिससे सुरक्षित और विश्व विनी के साथ जवाबदेही इंटरनेट सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। राज्य मंत्री ने बताया कि सीईआरटी इन नैहाटी अधिनियम 2000 की धारा 70 बी की उप धारा 6 के प्रावधानों के अंतर्गत भी निर्देश जारी कर दिए हैं। जिसमें वर्चुअल प्राइवेट सर्वर डाटा सेंटर सब्सक्राइब या कस्टमर रजिस्ट्रेशन डिटेल के संबंधित मामलों पर भी इसमें लिया गया है।

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