खेतों में काम कर हुनर को तराशा, कुश्ती में लगातार 11 गोल्ड जीतने के बाद ​अब इस पहलवान बेटी को मिलेगा भीम अवार्ड

अगर इंसान में काबिलियत और जुनून हो तो किसी भी काम को कर पाना संभव है। वहीं अगर जीवन में सफलता हासिल करनी है तो उसके लिए मेहनत जरूरी है। ऐसे में अब हम आपको एक देश की ऐसी बेटी के बारे में बता रहे हैं जिन्हें अब भीम अवार्ड के लिए चुना गया है। दरअसल जिनकी हम बात कर रहे हैं वहां पहलवान अनीता श्योराण है। इनकी सफलता की कहानी बहुत ही दिलचस्प है। करनाल मधुबन पुलिस अकादमी में इंस्पेक्टर पद पर तैनात 38 साल की अनीता ने कुश्ती को नहीं छोड़ा है और अपने मुकाम को हासिल करने वाली अनीता का एक सपना है कि चूल्हे चौके से निकलकर गांव की बेटियों को भारत का नाम रोशन करने के लिए तैयार करें।

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11 बार लगातार जीत चुकी है गोल्ड मेडल

दरअसल इस समय कहा जाता है कि बेटियां बेटों से कम नहीं है। हर क्षेत्र में महिला एक के बाद एक मुकाम हासिल कर रही है। ऐसे में हम बात कर रहे हैं भिवानी जिले के धनीमहू गांव की निवासी दिलीप चौहान और माता संतोष देवी के घर पर 24 नवंबर 1984 को जन्म अनीता की जो अब तक 11 बार लगातार राष्ट्रीय गोल्ड मेडल जीत चुकी है। इनका बचपन में सपना था कि वहां देश की सेवा करेगी और उन्होंने कुश्ती को चुना है। इसके बाद उन्हें अब अवार्ड मिलने जा रहा है। पुलिस विभाग में उन्हें इस अवार्ड को मिलने को लेकर खुशी का माहौल बना हुआ है। अनीता के परिजनों को भी अपनी बेटी पर गर्व महसूस हो रहा है।

2003 में हरियाणा पुलिस में हुई थी भर्ती

दरअसल राजकीय हाई स्कूल से दसवीं तक की पढ़ाई करने वाली अनीता आज इस मुकाम को हासिल कर चुकी है। इसके साथ ही उन्होंने भिवानी में गवर्नमेंट कॉलेज से ग्रेजुएशन किया था और 2003 में हरियाणा के पुलिस में भर्ती हुई। इसके बाद उनकी मधुबन में पोस्टिंग हुई थी। वहीं वर्ष 2012 में पुलिस विभाग की तरफ से खेलों में मेडल की संख्या बढ़ने पर अनीता को इंस्पेक्टर पद पर पदोन्नति दी गई थी। साल 2015 में सोनीपत के गांव अंदर रहवसी नवीन सहरावत के साथ उनकी शादी हुई थी। वहीं उनके पति खेल एवं युवा कल्याण विभाग में स्विमिंग सिखाते हैं।

बता दें कि अनीता की इस सफलता के पीछे उनके साथ ससुर का काफी हाथ रहा है। अनीता कहती है कि बेटियों को कामयाब बनाना ही उनका लक्ष्य है। शादी के बाद 2017 में बैठे आर्यवीर ने जन्म लिया तब उनके लिए खेल पाना आसान नहीं था। ऐसे में उनके साथ ससुर ने उनका काफी सपोर्ट किया। कुश्ती मुकाबलों की रहा उनके लिए आसान होती चली गई नेशनल मुकाबलों में 11 बार गोल्ड मेडल जीते ।नेशनल गेम्स में तीन गोल्ड हासिल कर चुकी है। अनीता 63 किलोग्राम वजन में फ्री स्टाइल कुश्ती मुकाबलों की खिलाड़ी भी रही है ।अपने बीते हुए पलों को याद करते हुए अनीता काफी खुश होती है। अब अनीता को भीम अवार्ड के लिए चुना गया है जो कि उनके परिवार के लिए बड़ी गर्व की बात है।

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