मध्यप्रदेश के चित्रकूट में मिलता है ऐसा दुर्लभ फूल, पास रखने से बिमारी के साथ ही नहीं आती है आर्थिक तंगी,

मध्यप्रदेश में कई रहस्यमयी और चमत्कारिक मंदिर है, जिन्हें देखने के लिए लोग दूर-दराज से पहुंचते हैं। इस समय चैत्र नवरात्रि का पर्व चल रहा है और ऐसे में माता मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी है। वहीं 10 अप्रैल को देशभर में राम नवमी का पर्व मनाया जाएगा। इसी बीच हम आपको मध्यप्रदेश के सतना जिले स्थित भगवान राम की नगरी चित्रकूट के बारे में कुछ ऐसी चीजें बताने जा रहे है। जिस पर आपको विश्वास करना थोड़ा मुश्किल होगा, लेकिन यह सच है.. मान्यताओं के अनुसार यहां एक ऐसा पेड़ है जो काफी दुर्लभ होने के साथ कोतूहल का विषय बना हुआ है। यहां दूरदराज से लोग इस फूल को लेने के लिए पहुंचते हैं ।

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दरअसल सतना जिले के भगवान राम की नगरी चित्रकूट में एक ऐसा पलाश का पेड़ है। जिसमें चैत्र मास में टेशू का फूल खिलते हैं। इन फूल का काफी महत्व होता है। इस पेड़ से दुर्लभ पीला फूल निकलता है यह फूल लोगों के लिए कौतूहल का विषय बना हुआ है। मान्यता है कि यह फूल मां दुर्गा को सबसे प्रिय होता है। जिसकी वजह से यह टेशू का फूल चैत्र माह में खिलता है। शास्त्रों के अनुसार पलाश के पेड़ में लगने वाले टेशू के फूल का काफी महत्व माना जाता है। यह तीन रंग जिनमें सफेद, लाल और पीले रंग के पाए जाते है।

जानिए क्या होता है इस फूल का महत्व

दरअसल भगवान राम की नगरी चित्रकूट में 10 अप्रैल को राम नवमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। यहां पर दीपोत्सव की तैयारी भी की जा रही है। इसी जगह एक ऐसा पलाश का पेड़ जिसमें दुर्लभ टेशू के फूल लगते हैं अब यहां फूल लोगों के बीच कोतूहल का विषय बना हुआ है ।बताया जाता है कि फूल औषधि और तांत्रिक महत्व में उपयोग लिया जाता है।

हिंदू धर्म में पलाश के फूल पवित्र वृक्षों की श्रेणी में माना जाता है। वैसे तो आपको कहीं भी पलाश के पेड़ पर टेशू के फूल देखने को मिल जाएंगे, लेकिन सतना जिले में यह दुर्लभ पलाश का पेड़ है जिसमें टेशू का फूल खिलता है। इस फूल को देखने के लिए दूरदराज से लोग यहां पहुंचते हैं और अपने साथ फूल को लेकर भी जाते हैं। मान्यता है कि इस फूल को अपने पास रखने से कोई भी बीमारी नहीं होने के साथ धन लाभ भी होता है।

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वन विभाग की सुरक्षा में है पेड़

बता दें कि वन विभाग के द्वारा पलाश के पेड़ को सुरक्षा में रखा गया है। यहां पर उन्होंने बाकायदा एक साइन बोर्ड लगा रखा है। यहां फूल गंभीर से गंभीर बीमारियों में रोगों के इलाज में काम आता है। माना जाता है कि इस फूल को खजाने में रखने से कभी खजाना खाली नहीं होता है। वहीं वनस्पति जानकारों के अनुसार इस फूल को अजूबा मानते हैं। वहीं चैत्र महीनें में यहां घूमने आने वाले लोग इसे अपने साथ चुनकर ले जाते है। हालांकि यहां पर फूल ले जाना प्रतिबंधित है, लेकिन पीला टिशू का फूल किसी अजूबे से कम नहीं इसलिए यहां लोग गिरे हुए फूल को अपने साथ ले जाते है।