मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में तैयार हो रहा देश का दूसरा तुलसी वन, जहां मिलेंगी इसकी 67 किस्में

हर घर में तुलसी का पौधा होता ही है क्योंकि भारत में तुलसी के पौधे का धार्मिक महत्व है। तुलसी की मांग को देखते हुए हैं मध्य प्रदेश सरकार ने राजधानी भोपाल में तुलसी वन बनाने का ऐलान किया है। राजधानी भोपाल के अहमदपुर नर्सरी में पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत तुलसी वन तैयार किया जाएगा जिसके पश्चात स्टेट तुलसी वन बनाया जाएगा। तुलसी का आयुर्वेदिक और धार्मिक दोनों ही क्षेत्रों में अपना एक अलग ही महत्व है। तुलसी की पत्तियां इम्युनिटी बढ़ाने में कारगर है इसीलिए इससे बने काढ़ें का प्रचलन पिछले कुछ समय में काफी बढ़ गया है।

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सामाजिक वानिकी विभाग के एचसी गुप्ता ने बताया कि तुलसी वन में 67 प्रजाति की तुलसी लगाई जाएगी। जिसमें राम, श्याम, विमला, सौंफ, अफ्रीकन और अमेरिकन विशेष रूप से होंगी। भारत में तुलसी के पौधे का धार्मिक महत्त्व भी है और स्वास्थ्य के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। भारत में कई देशी औषधियों में तुलसी का प्रयोग होता है और इसे जड़ी बूटियों की रानी कहा जाता है। हर घर में छोटी मोटी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में तुलसी का प्रयोग होता है।

क्या है इसका इंग्लिश नाम

भारत के अलग-अलग राज्यों में 67 प्रजाति की तुलसी पाई जाती है जिस का वैज्ञानिक नाम ओसीमम सेक्टम है। 67 प्रजाति की तुलसी अलग-अलग मौसमों में दिखाई पड़ती है। एचसी गुप्ता ने बताया कि तुलसी के ऊपर कई तरह के अनुसंधान और रिसर्च हो रही है जिसमें तुलसी वन शामिल है। बॉटनी के स्टूडेंट्स इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत रिसर्च करेंगे और इससे जुड़ी जानकारियां साझा करेंगे।

पटना विश्वविद्यालय में तुलसी के पौधे पर दो महत्वपूर्ण शोध हुए हैं। इस शोध में तुलसी का प्रयोग कर वर्म की उम्र को 15 दिन से बढ़कर 23 दिन होते हुए देखा गया है। अब तक की हुई शोध में तुलसी का क्या रासायनिक संगठन है इस बारे में भी पता लगाया गया है। तुलसी के पौधे को शोध का हिस्सा बनाते हुए इस पर और भी कार्य करने की जरूरत है। समय के अनुसार बढ़ती हुई तुलसी की मांग को ध्यान में रखते हुए तुलसी वन एक बहुत अच्छा प्रोजेक्ट है।

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