मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी में उज्जैन में स्थित है मां गढ़कालिका मंदिर, आराधना से महाकवि कालिदास को मिला था ज्ञान, जानिए क्या है महिमा

मध्य प्रदेश की विश्व प्रसिद्ध नगरी उज्जैन में यूं तो बाबा महाकाल का मंदिर प्रसिद्ध है। लेकिन इसी नगरी में और भी कई मंदिर है जो काफी लोकप्रिय हैं। ऐसे में अगर हम बात करें इंदौर शहर में स्थित मां गढ़कालिका मंदिर की तो यह मंदिर लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना हुआ है ।इस मंदिर में महाकवि कालिदास ने भी आराधना की तो उन्हें अटूट ज्ञान प्राप्त हुआ इसके बाद उन्होंने मेघदूत और शंकुतलम जैसे महाकाव्य की रचना की थी।

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मशहूर है महाकवि कालिदार का ये वाक्य

महाकवि कालिदास का एक वाक्य काफी मशहूर रहा है। कहते थे कि जिस डाल पर वहां बैठते थे उसी को काट देते थे, लेकिन उन्होंने धार्मिक नगरी उज्जैन में स्थित मां गढ़कालिका मंदिर में आराधना की तो उन्हें काफी ज्ञान प्राप्त हुआ ।ऐसी बात को मंदिर में आने वाले श्रद्धालु उदाहरण के तौर पर लेते हैं। इससे आज भी सिद्ध पीठ में विद्या का वरदान मांगने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस समय नवरात्रि पर्व चल रहा है और ऐसे में भक्तों का हुजूम देखने को मिल रहा है।

दर्शन करने से सुख-शांति समृद्धि और वैभव होता है प्राप्त

मां गढ़कालिका मंदिर के पुजारी स्वरूप शर्मा ने कहा कि महाकवि कालिदास और सम्राट विक्रमादित्य की आराध्य देवी मानी जाती है। गढ़ कालिका मां के दर्शन करने मात्र से सुख शांति समृद्धि और वैभव मिलता है। गढ़कालिका माता मंदिर सिद्ध पीठ के रूप में जाना जाता है। इसे उप शक्तिपीठ भी कहते हैं। गढ़कालिका मंदिर में नवरात्रि के अलावा आम दिनों में भी श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। यह मंदिर तांत्रिक क्रियाओं के लिए भी मशहूर है। पहले बलि प्रथा भी थी, लेकिन अब समय के साथ बलि प्रथा को बंद कर दिया गया है।

नवरात्रि में दर्शन करने पहुंचते है श्रद्धालु

नवरात्रि पर्व के अवसर पर मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे है। ऐसे में दर्शन करने पहुंची लता शर्मा ने कहा कि नवरात्रि के दौरान हर साल माता का आशीर्वाद लेने पहुंचती है। माता से अभी तक जो भी मनोकामना मांगी है वहां पूरी हुई है। गढ़कालिका माता मंदिर के प्रति उनके पूरे परिवार को काफी आस्था और विश्वास है। यह मंदिर अपने आप में चमत्कारिक माना जाता है। श्रद्धालु दीपक चंदेल ने कहा कि 20 साल से माता के दर्शन करने पहुंचते हैं और उन्होंने अभी तक जो भी मांगा है सब कुछ मिला है।

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