उज्जैन में जिसने गुजारी रात उसकी गई कुर्सी, मोरारजी से येदयुरप्पा है उदाहरण, जानें पूरी कहानी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर उज्जैन में महाकाल लोग का लोकार्पण करेंगे। इस आयोजन को लेकर जहां इंदौर और उज्जैन दोनों नगर निगम की टीम तैयारियों में लगी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंदौर के विमानतल से होकर उज्जैन को जाएंगे। इसको लेकर इंदौर में पुलिस भी अलर्ट मोड पर नजर आ रही है। बताया जा रहा है कि इंदौर और आसपास के क्षेत्रों में डेढ़ हजार से अधिक जवान लगाए गए हैं। इस आयोजन को शिवराज सरकार उत्सव के रूप में मना रही है। मानों अयोध्या के बाद उज्जैन में यह सबसे बड़ा आयोजन किया जा रहा है, जहां पर दीपावली जैसा भव्य नजारा देखने को मिल रहा है।

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उज्जैन में रात नहीं रूकते पीएम और सीएम

महाकाल राजा की नगरी में पीएम सीएम रात नहीं रुकते हैं यदि रुकते हैं तो उन्हें अपनी सरकार से हाथ धोना पड़ता है। यह बात सभी राजा-महाराजा मानते हैं, लेकिन इसी से जुड़ी एक कहानी हम आपको दिखाने जा रहे हैं। महाकाल राजा की नगरी उज्जैन में मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति भी रात नहीं रूक सकते हैं। माना जाता है कि उज्जैन के राजा महाकाल और इनके अलावा यहां कोई नेता या उनके परिवार का सदस्य रात नहीं रूक सकता है।

इन नेताओं को धोना पड़े कुर्सी से हाथ

हाल ही में शिवराज सरकार के उज्जैन में कैबिनेट बैठक आयोजित हुई। इस बैठक की अध्यक्षता प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नहीं बल्कि उज्जैन के महाकाल राजा ने की थी। इस दौरान कायदा अध्यक्ष वाली कुर्ती पर महाकाल राजा की फोटो रखी गई थी। हालांकि इन दावों के पीछे कुछ ऐसे किस्से हैं जो फिलहाल चर्चा में है। देश के चौथे प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई एक बार उज्जैन आए थे ।उज्जैन में ही रात रुक गए थे और अगले ही दिन उनकी सरकार गिर गई थी। ऐसे ही कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदुरप्पा बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए उज्जैन आए थे और यही रात रुक गए थे नतीजा यह रहा कि उनकी सरकार गिर गई थी।

उज्जैन इस समय उज्जैन इस समय काफी चर्चा में चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को महाकाल लोग का लोकार्पण करेंगे। इसको लेकर तैयारी पूरी हो चुकी है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस के लोकार्पण के बाद भक्तों के लिए खोल देंगे। यह कॉरिडोर करोड़ों रुपए खर्च कर बनाया गया है। वहीं इसके साथ सज्जा भी बेहद अच्छे तरीके से की गई है। प्रधानमंत्री के आगमन से पहले उज्जैन नगरी को लाइटिंग से सजा दिया गया है। वहीं उनकी सुरक्षा में इंदौर और उज्जैन नगर निगम के अधिकारियों से लेकर केंद्रीय सुरक्षा बल और स्थानी पुलिस बल लगा हुआ है।

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