इंदौर में योग से सेहतमंद रहने की मिसाल बने ये 2 बुजुर्ग, उम्र 84 और 76 लेकिन फुर्ती जवानों जैसी, जानिए कैसे

देशभर में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। योग और व्यायाम हर किसी को करना चाहिए। इससे सेहत भी अच्छी रहती है साथ ही तनावमुक्त भी हो जाते हैं। इसका संदेश देते हुए अब मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के दो ऐसे बुजुर्ग हैं जिनमें 84 और 76 की उम्र में जवानों जैसी फुर्ती है। इनकी कहानी सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे ।आपको इनसे इस बात की भी प्रेरणा मिलेगी। योग करके किस तरह से आप अपने जीवन को स्वास्थ्य और तनाव मुक्त बना सकते हैं।

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84 और 74 की उम्र में जवानों जैसी फुर्ती

दरअसल देश भर में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। ऐसे में हर जगह योग और व्यायाम किए जा रहे हैं। वैसे तो हर दिन लोग सुबह योगा और गार्डन में बॉक करते नजर आते हैं। ऐसे में लोग अपने आप को स्वस्थ रखने के साथ ही तनाव मुक्त भी कर लेते हैं। इसी बीच हम आपको इंदौर के दो ऐसे बुजुर्गों की कहानी बताने जा रहे हैं जो काफी दिलचस्प है। हम बात कर रहे हैं 84 वर्ष के पीएन श्रीवास्तव और 74 साल के सुभाष संघवी जिन की कहानी काफी दिलचस्प है। उम्र के इस पड़ाव में जहां लोग अपने घर में विश्राम करते हुए नजर आते हैं लेकिन यह बुजुर्ग युवाओं जैसी चुस्ती और फुर्ती रखते हैं।

25—30 की उम्र वालों को देते है टक्कर

बता दें कि दोनों सालों से योगा कर रहे हैं इनकी फिटनेस और एनर्जी देखकर इनकी उम्र का भी अंदाजा नहीं लगा सकते हैं। इसके साथ ही इनमें किसी भी तरह की कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यूं कहे की बीमारी तो इनके पास से गुजरती भी नहीं है। वर्तमान में जहां लोग 25 30 की उम्र के बाद डायबिटीज ,ब्लड प्रेशर जैसी कई बीमारियों में जकड़ जाते हैं, लेकिन यह ऐसे शख्स हैं जिनकी उम्र आज इतनी हो जाने के बाद भी एकदम चुस्त-दुरुस्त होने के साथ ही सेहतमंद बने हुए हैं।

जानिए कब जन्में श्रीवास्तव

अगर हम बात करें पीएन श्रीवास्तव की तो उनकी उम्र 64 बताए तो सुनने वाले को यकीन नहीं होगा। सूर्या की उम्र भी बीत उनका उत्साह उनकी ऊर्जा एक मिसाल बनी हुई है। 30—30 साल छोटे उम्र के लोग कहते हैं अरे आपके साथ बात पर नहीं जाएंगे बहुत तेज चलते हैं। वैष्णव टेस्ट में एडवाइजर के पद पर हैं और यहां नौकरी उन्होंने रिटायरमेंट के बाद शुरू की 58 साल की उम्र तक व योग स्कूल में प्रिंसिपल रहे हैं। इसके बाद से वहां अब तक योग करते रहे हैं। इनका जन्म 1939 में हुआ था 54 साल पहले 30 साल की उम्र में उन्होंने योग सीखा था। उनका कहना है अपनी सेहत के लिए 60 मिनट रोजाना जरुर निकालना चाहिए।

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वहीं अगर बात करें सुबह संघवी की तो वहां योगा करते हैं। योग करने का उत्साह और आदत पिता से विरासत में मिली। उनका कहना है कि पिता को टीवी की बीमारी थी एलोपैथी से कोई फायदा नहीं हुआ था। कई डॉक्टर को दिखाया। वक्त के साथ सब लगाया आराम नहीं मिला इसके बाद योग और नेचुरोपैथी से मदद मिली और बीमारी जड़ से पूरी तरह से खत्म हो गई। 25 साल पहले योग को जीवन का हिस्सा बनाया और आज उनका जीवन बदल गया है।