इस इंजीनियर ने पढ़ाई के बाद नहीं की नौकरी, गांव आकर बकरी पालन किया शुरू, अब हो रही बंपर कमाई
इस दुनिया में कई तरह के युवा होते हैं कुछ युवा पढ़ाई कर नौकरी की तलाश में लग जाते हैं तो कुछ रह कर शहर में ही अपने जीवन यापन करने की प्लानिंग करते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो शहर में पढ़ाई पूरी होने के बाद गांव आ जाते हैं और यहां अपने पसंद का काम कर कुछ ऐसा कर देते हैं जिनकी चारों ओर पहचान बन जाती है। ऐसे ही अब एक युवा की कहानी बताने जा रहे हैं जिन्होंने पढ़ाई खत्म होने के बाद ऐसा बिजनेस शुरू किया जिससे अब उनकी अच्छी खासी कमाई हो रही है।
2018 में ट्रेनिंग के बाद अपनाया ये बिजनेस
दरअसल अंडमान के मीठा खरी गांव के रहने वाले चंदन विश्वास जिनकी कहानी बहुत ही अच्छी है। इन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की इसके बाद जब पढ़ाई खत्म हो गई तो गांव आकर उन्होंने खुद का बिजनेस शुरू किया, लेकिन इनके पास जमीन नहीं थी। इसके बाद उन्होंने पशुपालन विभाग पोर्ट ब्लेयर से संबंध शाखा और वैज्ञानिकों ने उन्हें कृषि से संबंधित बकरी पालन को अपना व्यवसाय चुनने की सलाह दी। वहीं 2018 में पशुपालन विभाग पोर्ट ब्लेयर से अनुभव को ट्रेनिंग प्राप्त की इसके बाद उन्होंने बकरी फार्म खोला।
इस चंदन ने शुरू की बकरी पालन
चंदन ने इस बकरी फार्म को खोलने में काफी मेहनत की जिसमें दो नर और 27 मादा बकरियों को रखकर इस बिजनेस की शुरुआत की। इसके साथ उन्होंने बांस और सूखी घास की मदद से बकरियों के लिए एक सेट तैयार किया। इसके साथ ही खेत में चारा उगाया जिसे बकरियों को खिलाते थे। चंदन बकरियों की ब्रीडिंग वैज्ञानिक तरीके से करते हैं। इस पद्धति को अपनाने की वजह से उन्होंने 2 साल में अपनी बकरियों की संख्या 29 से 73 कर ली थी। चंदन का बिजनेस लोगों की पसंद बन गया। इसके बाद उन्होंने मुर्गी पालन भी खोला और 250 मुर्गियां है मुर्गियों की बिक्री के लिए चंदन एक नया तरीका अपनाया। मुर्गियों के अंडे तथा मीट को कस्टमर के घर तक पहुंचाते हैं इससे व्यापार में उछाल मिला।
चंदन ने पिछले साल से अब तक करीब 15 बकरियां बेची हैं। जिनका औसतन वजन 22 से 25 किलो के बीच में रहा है। 500 से 600 रुपये प्रति किलो की दर से इन्हें बेचा गया है। एक बकरी प्रजनन के लिए बेसिक जिसका वजन 32 किलो था 900 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेची गई। बकरियों के मल से बना एक हाथ को भी चंदन 20 रुपये किलो के हिसाब से बेचते हैं ।ऐसे में अब चंदन ने इन बकरियों का पालन कर लाभ का धंधा बनाया है।