मध्यप्रदेश के इस किसान ने खेती को बनाया लाभ का धंधा, 20 पहले खाली जमीन पर शुरू की खेती आज बन गए लखपति

आधुनिक दौर में खेती करने का तरीका बदल गया है। किसान नई नई किस्म की खेती करने में लगे हैं। जिससे उन्हें अच्छा खासा लाभ मिल सके। कई किसान ऐसे हैं जो मेहनत कर रहे हैं, लेकिन उन्हें लाभ नहीं मिल पा रहा है, लेकिन इसी बीच हम मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के एक ऐसे किसान के बारे में बता रहे हैं, जिन्होंने खेती को लाभ का धंधा बनाया है और आज इस खेती से अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं। किसान मधुसूदन है जोकि पपीते की खेती कर रहे हैं और इससे अच्छा खासा लाभ कमा रहे हैं।

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20 साल पहले खेती का मन में आया विचार

किसान मधुसूदन टोंपे ने 20 साल पहले उनके पास 6 एकड़ जमीन जो की पूरी तरह से खाली पड़ी हुई थी। ऐसे में उसने इस जमीन में कुछ फसल लगाने का मन बनाया। इसके बाद एक मेले में पहुंचे, जहां उन्हें पपीते की खेती की बेस्ट टेक्नोलॉजी की जानकारी मिली। फिर क्या था यहीं से किसान का सफर शुरू हुआ और उन्होंने पपीते की खेती शुरू की जिससे आज खुद खेती से उन्हें अच्छा खासा मुनाफा मिल रहा है।

35 लाख रुपये के मालिक बने मधुसूदन

किसान ने जानकारी में बताया कि एक कृषि विज्ञान केंद्र गए। वहां से उन्होंने प्रशिक्षण लिया एक वैज्ञानिक ने खेत को अच्छी तरह देखा और उसका विश्लेषण किया। उनके इस तरीके से उन्होंने पपीते की खेती करना शुरू किया और पपीते की ताइवान 786 किस्म की फसल का उत्पादन किया और आज उसी खेती से वहां अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं। 6 एकड़ जमीन में उन्होंने 4800 पौधे लगाए । वहीं सिंचाई के लिए ड्रिप टेक्नोलॉजी का उपयोग किया। इस फसल में 600000 की लागत लगी। जिससे प्रतिदिन 4 टन पपीते के फल उन पौधों से निकलते हैं। वहीं अब 3500000 रुपए के मालिक मधुसूदन बन गए हैं।

मधुसूदन के खेत से उत्पादित होने वाली पपीते की फसल से निकलने वाले फल 1 से 3 किलोग्राम के होते हैं। एक सीजन में एक पेड़ करीब 30 से 45 पल देता है। इन फलों के भंडारण क्षमता बहुत अधिक है ।मधुसूदन का कहना है की पौधे लगाने से पूरे 8 माह में फसल तैयार हो जाती है। अब तक इस फसल के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा गया है ।इसके साथ ही मधुसूदन कई तरह की सामाजिक गतिविधियों में भी भाग लेते हैं और उन्होंने इस व्यापार में कई मजदूरों को रोजगार दिया है।

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