आपको अधिक टोल टैक्स देने से बचायेगी ये FASTag ट्रिक, बस करना होगी इन नंबर पर Missed Call
केंद्र की मोदी सरकार द्वारा देशभर के टोल नाकों पर फास्टैग की सुविधा शुरू कर दी गई है जिससे कि वाहन चालकों को जेब से पैसे देने की आवश्यकता नहीं पड़ती है, बल्कि सीधे उनके अकाउंट से पैसे कट जाते हैं इसके लिए वाहनों केविंडशील्ड पर लगे स्टीकर के जरिए टोल कटता है। हालांकि इसके लिए फास्टैग वाहन चालकों को रिचार्ज भी करवाना पड़ता है। इस वजह से इसका बैलेंस भी चेक करना पड़ता है।
ऐसे वसूलते हैं 2 गुना टोल टैक्स
वर्तमान में देखा जाता है जिन वाहनों में फास्टैग नहीं होता है उन वाहनों से अधिक रुपए वसूले जाते हैं। फास्टैग नहीं होने की वजह से पेनल्टी लगा दी जाती है। इसके अलावा जिन वाहन चालकों के पास फास्टैग होता है, लेकिन उनके अकाउंट में बैलेंस नहीं होता है तो ऐसे में 2 गुना पैसा वसूल लिया जाता है इसके लिए बैलेंस का होना बहुत जरूरी है, लेकिन कई लोगों को यह नहीं पता रहता है कि उनके फास्टैग में बैलेंस खत्म हो गया है या नहीं तो इसके लिए घबराने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि एक तरीका है जिससे बैलेंस चेक किया जा सकता है।
इस तरह कर सकते हैं बैलेंस चेक
दरअसल बैलेंस चेक करने का एक आसान तरीका है। जिससे आप 2 गुना पैसा देने से बच जाएंगे। इसके लिए आपको प्रीपेड फास्टैग कस्टमर और आपका मोबाइल नंबर एनएचएआई के साथ रजिस्टर होना जरूरी है। इसके लिए आपको टोल फ्री नंबर दिए गए हैं। 8884333331 पर मिस कॉल करना होगा। जिससे आप अपना बैलेंस आसानी से चेक कर सकते हैं। इसके बाद यह कॉल ऑटोमेटिक कटेगा और एक एसएमएस आएगा जिसमें आपका बैलेंस पता चल जाएगा।
इन एप के द्वारा भी करें बैलेंस चेक
S.m.s. के साथ ही आप स्मार्टफोन के कुछ ऐप के माध्यम से भी अपना बैलेंस चेक कर सकते हैं। इसके लिए आपको प्ले स्टोर पर जाकर My FASTag ऐप डाउनलोड करना होगा। इसके बाद इसमें डिटेल दर्ज कर इसे लॉगिन करें। इसके बाद आसानी से आप फोन पे, गूगल पे की तरह इसका बैलेंस चेक कर सकते हैं।
जाने कैसे काम करता है फास्टैग
कई लोगों को पता नहीं होता है कि फास्टैग किस तरीके से काम करता है। इसके लिए हम आपको बता दें की फास्टैग के लिए आपकी गाड़ी में स्टीकर लगा होता है, जोकि वहां लगे एक बार कोड स्कैन होता है जिससे सीधे आपके अकाउंट से पैसा कट जाता है, लेकिन इसके लिए फास्टैग को आपके बैंक अकाउंट से लिंक होना जरूरी है। टोल बूथ पर पेमेंट लेने के लिए रेडियो फ्रिकवेंसी, आईडेंटिफिकेशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है जैसे ही कोई वाहन टोल बूथ पर पहुंचते हैं वैसे ही स्टिकर स्कैन हो जाता है और अकाउंट से टोल टैक्स कट जाता है।